

क्या इस बार बिहार की राजनीति में NDA कुछ नया करने वाली है या पुरानी रणनीति पर ही आगामी विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा? खासतौर से सीट शेयरिंग को लेकर NDA की क्या रणनीति रहेगी, इसको लेकर सूत्रों के हवाले से बड़ी जानकारी आ रही है जिसके मुताबिक बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए में सीटों का बंटवारा हो लगभग फाइनल हो गया है.
सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में सीटों की शेयरिंग का फॉर्मूला तय हुआ है इसके मुताबिक विधानसभा की कुल 243 सीटों में सबसे अधिक जेडीयू को 102 से 103 सीटें देने पर सहमति बनी है. वहीं, बीजेपी को 101 से 102 सीटें, जबकि लोजपा रामविलास को 25 से 28 सीटें मिल सकती हैं. वहीं हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को 6 से 7 सीट और राष्ट्रीय लोक मोर्चा पार्टी को चार से पांच सीटें देने पर सहमति बनी है.
जीतन राम मांझी का हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा जहां 20 से 30 सीटों पर दावेदारी कर रहा है, जबकि इस पार्टी को मात्र 6 से 7 सीटें मिलने की उम्मीद है. जबकि, उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को चार से पांच सीटों पर सहमति लगभग बन चुकी है.
चुनाव अक्टूबर-नवंबर में संभावित
इस फार्मूले के जरिए सीट बंटवारे में गठबंधन के छोटे सहयोगियों और बड़े सहयोगियों के बीच संतुलन साधना भी बहुत अहम है. हालांकि, आधिकारिक तौर पर अभी कोई ऐसी घोषणा नहीं हुई है. बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटें हैं. अक्तूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव हो सकते है. साल 2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन ओर एनडीए के बीच टक्कर लगभग बराबरी की थी. उस साल एनडीए में 110 सीटों पर बीजेपी उम्मीदवार के थे जिनमें 74 सीटों पर जीत हासिल की थी.
जेडीयू ने 115 सीटों पर चुनाव लड़ा जिसमें 43 कैंडिडेट चुनाव जीत कर आए थे. हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (सेकुलर) ने 7 सीटों पर चुनाव लड़ा चार सीटों पर सफलता मिली थी. विकासशील इंसान पार्टी ने 13 सीटों पर उम्मीदवार उतार कर चार सीटों पर जीत हासिल की थी. वही बीते चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी अकेली लड़ी थी और उसका एक विधायक ही जीता पाया था. इस बार भी माना जा रहा है कि पिछले चुनावों के प्रदर्शन और जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए सीटों का आवंटन किया जाएगा.
-भारत एक्सप्रेस
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