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केजरीवाल के ‘शीशमहल’ पर CVC का बड़ा एक्शन, BJP के आरोप पर केंद्रीय सतर्कता आयोग ने दिए जांच के आदेश

अरविंद केजरीवाल के बंगले को लेकर बीजेपी की ओर से लगाए गए आरोपों पर केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने जांच के आदेश दे दिए हैं.

Arvind Kejriwal

पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल.

दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अरविंद केजरीवाल के बंगले को लेकर बीजेपी की ओर से लगाए गए आरोपों पर केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने जांच के आदेश दे दिए हैं. हालांकि सीवीसी की जांच इस मामले में पिछले साल नवंबर महीने से ही चल रही थी, लेकिन अब इस जांच का दायरा बढ़ाने के साथ ही तेजी लाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं.

CPWD की रिपोर्ट के बाद जांच के आदेश

केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने उनके आवास, 6 फ्लैग स्टाफ बंगले के नवीनीकरण मामले में जांच का आदेश दिया है. देश 13 फरवरी को जारी किया गया, जब केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) द्वारा एक तथ्यानुसार रिपोर्ट प्रस्तुत की गई.

नियमों को दरकिनार करने का आरोप

केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा दिए गए आदेश के अनुसार, सीपीडब्ल्यूडी को यह जांच करनी है कि क्या इस आलीशान महल (जिसे ‘शीश महल’ कहा जा रहा है) के निर्माण में भवन निर्माण के नियमों की अनदेखी की गई थी. इस बंगले का नवीनीकरण 40,000 वर्ग गज (करीब 8 एकड़) में किया गया है और आरोप है कि इसके निर्माण के दौरान कई नियमों की अवहेलना की गई.

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यह जांच खासतौर पर इस बात को लेकर की जाएगी कि क्या फ्लैगस्टाफ बंगले के नवीनीकरण के लिए निर्धारित भवन निर्माण नियमों को तोड़ा गया था, ताकि यह आलीशान महल बनाया जा सके. इस दौरान इस बात की भी जांच की जाएगी कि क्या सार्वजनिक धन का सही तरीके से उपयोग हुआ है और क्या इस निर्माण में कोई वित्तीय अनियमितताएं पाई गईं.

बीजेपी ने बताया था शीशमहल

बता दें कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास के नवीनीकरण को लेकर पहले भी विवाद उठ चुके हैं. भाजपा ने दिल्ली में 6 फ्लैग स्टाफ बंगले को ‘शीशमहल’ कहा है. यह दिल्ली के मुख्यमंत्री का सरकारी आवास है, जहां 2015 से 2024 तक अरविंद केजरीवाल रहे हैं. बीजेपी का आरोप है कि केजरीवाल ने मुख्यमंत्री रहते हुए आवास में नवीनीकरण में करोड़ों खर्च किए हैं. दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा और कांग्रेस ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया था.

सीवीसी की जांच से अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के लिए कानूनी संकट और बढ़ सकता है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सीवीसी की जांच में क्या निष्कर्ष सामने आते हैं और इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है.

-भारत एक्सप्रेस



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