आखिर क्यों सृष्टि के रचयिता ब्रह्मदेव की पूजा नहीं होती है? यहां जानिए इसकी वजह
Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अपने चुनावी संबोधन के जरिए 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बिसात बिछा दी है. राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को चुनौती देते हुए कहा कि वह साल 2011 की जाति आधारित जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक करें. उन्होंने कहा कि देश की सत्ता और धन में बराबर हिस्सेदारी के लिए यह पहला जरूरी कदम होगा. जातिगत जनगणना के मुद्दे पर अब कांग्रेस भी खुलकर सामने आ गयी है. अभी तक तो बिहार की आरजेडी, जेडीयू और उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी इस मुद्दे को उठाती हुईं आयी है. ये पार्टियां में भी मोदी सरकार से जातिगत जनगणना को कराने की मांग कर रही हैं.
वहीं अगर इस मामले पर बीजेपी की बात की जाए तो उसने जातिगत जनगणना कराने को लेकर अपनी स्थिति साफ नहीं की है. वह इस मुद्दे से दूर भागती हुई नजर आती है.
कांग्रेस पार्टी भी अब जातिगत जनगणना के मामले पर खुलकर खेलने को तैयार है. राहुल गांधी के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) को एक चिट्ठी लिखकर 2021 में होने वाली जनगणना को सही तरीके से कराने और उसमें जातिगत जनगणना को शामिल करने की मांग की है. खड़गे ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि “इसके बिना सार्थक सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण के लिए डेटाबेस तैयार करना असंभव है”. उन्होंने आगे लिखा- “मैं एक बार फिर जाति आधारित नवीनतम जनगणना कराने का आग्रह करता हूं. मेरे सहयोगी और मैंने संसद के दोनों सदनों में कई बार यह मांग उठाई है. अन्य विपक्षी दलों ने भी इस मांग को रखा है.”
यह भी पढ़ें- Akanksha Dubey Suicide Case: पुलिस ने आकांक्षा के बॉयफ्रेंड समर सिंह का फोन किया बरामद, कॉल डिटेल से खुला यह बड़ा राज
2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष होने की तैयारी कर रहा है. कांग्रेस से पहले क्षेत्रियों पार्टियों ने इस जनगणना को कराने की मांग कर रही थी. वहीं अब कांग्रेस ने भी इस रार को छे़ड दिया है. बिहार सत्ता हाथ में आते ही आरजेडी-जेडीयू गठबंधन ने बिहार में जातिगत जनगणना शुरू भी करवा दी है. विपक्ष के नेता ‘जिसकी जितनी हिस्सेदारी, उसकी उतनी भागीदारी’ की वकालत कर रहे हैं. कांग्रेस के क्षेत्रियों पार्टियों के साथ मिल जाने से सभी विपक्षी पार्टियां एक साथ आ सकती हैं.
कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 2011 में सामाजिक आर्थिक और जातिगत जनगणना (एसईसीसी) की थी. जातिगत आंकड़ों को छोड़कर जनगणना की रिपोर्ट प्रकाशित कर दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. वहीं राहुल गांधी ने कहा कि ‘यूपीए सरकार ने 2011 में जाति आधारित जनगणना की. इसमें सभी जातियों के आंकड़े हैं. प्रधानमंत्री, आप ओबीसी की बात करते हैं. उस डेटा को सार्वजनिक करें. देश को बताएं कि देश में कितने ओबीसी, दलित और आदिवासी हैं.’
गुयाना से भारत लौटने के बाद पीएम मोदी सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक पोस्ट…
देश के विभिन्न राज्यों में तैयार किए गए गिफ्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं…
एक बेघर व्यक्ति को मारने के बदले में भीड़ ने तय किया कि हाथिनी मैरी…
दिल्ली में Aam Aadmi Party की सरकार शासन और नौकरशाही पर नियंत्रण से जुड़े कई…
डॉ. राजेश्वर सिंह ने देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने तथा 2047…
AMU छात्र नेता सलमान गौरी ने कहा, जिन बच्चों का सस्पेंशन किया है उन्हें बहाल…