संसद में गृहमंत्री अमित शाह और राहुल गांधी
Parliament Session Today: संसद सत्र के दौरान आज लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने हिंदुत्व पर बोलते हुए कुछ ऐसा कहा कि अब सोशल मीडिया पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के समर्थकों में संग्राम छिड़ गया है. संसद में राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा, ‘जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, वो हिंसा की बात करते हैं और हिंसा करते हैं’, इसके अलावा भी उन्होंने कई बातें बोलीं.
#WATCH लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “विपक्ष के नेता ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, वो हिंसा की बात करते हैं और हिंसा करते हैं। शायद वे नहीं जानते कि इस देश में करोड़ों लोग गर्व से खुद को… pic.twitter.com/FmXF7rYCXj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 1, 2024
हिंसा को किसी भी धर्म से जोड़ना गलत: शाह
राहुल का बयान सुनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें संसद में ही टोका. वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी आपत्ति जताई. कांग्रेस नेता को जवाब देते हुए गृह मंत्री बोले, “विपक्ष के नेता ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, वो हिंसा की बात करते हैं और हिंसा करते हैं. शायद वे नहीं जानते कि इस देश में करोड़ों लोग गर्व से खुद को हिंदू कहते हैं. हिंसा को किसी भी धर्म से जोड़ना गलत है. उन्हें माफी मांगनी चाहिए.”
गृह मंत्री ने 3 नए कानूनों के बारे में समझाया
गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में पारित किए गए 3 नए कानूनों के बारे में भी बात की. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “आजादी के करीब 77 साल बाद हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली पूरी तरह से ‘स्वदेशी’ हो रही है. यह भारतीय लोकाचार पर कार्य करेगा. 75 साल बाद इन कानूनों पर विचार किया गया और आज से जब ये कानून लागू हुए हैं तो अंग्रेज के कानून निरस्त होकर और भारतीय संसद में बने कानूनों को व्यवहार में लाया जा रहा है.”
#WATCH दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “आजादी के करीब 77 साल बाद हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली पूरी तरह से ‘स्वदेशी’ हो रही है। यह भारतीय लोकाचार पर कार्य करेगा। 75 साल बाद इन कानूनों पर विचार किया गया और आज से जब ये कानून लागू हुए हैं तो अंग्रेज के कानून निरस्त होकर… pic.twitter.com/6kHsOJxmX9
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केंद्रीय गृह मंत्री आगे बोले— “भाइयों-बहनों देश में अब आपराधिक कानूनों में ‘दंड’ की जगह अब ‘न्याय’ शब्द इस्तेमाल होगा. देरी के बजाय स्पीडी ट्रायल और त्वरित न्याय मिलेगा. पहले, केवल पुलिस के अधिकारों की रक्षा की जाती थी, लेकिन अब, पीड़ितों और शिकायतकर्ताओं के अधिकारों की भी रक्षा की जाएगी.’ मैं विश्वास के साथ कहता हूं कि ये तीनों कानून के लागू होने के बाद सबसे आधुनिक न्याय प्रणाली का सृजन करेगी.”
— भारत एक्सप्रेस
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