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Amethi News: “पैसा तो दीवारों का भी आया होगा उसे कौन खा गया, ठेकेदार या अधिकारी…”, बिना पार्टीशन के शौचालय में लगाई गईं टॉयलेट सीटों पर कांग्रेस ने साधा निशाना

कांग्रेस ने लिखा है कि, देखिये! यहां पांच सीटें बिछाई गई हैं और उनके बीच कोई दीवार नहीं. बल्कि, ये ऐसे लगी हैं जैसे किसी हॉल में पांच चारपाइयां पड़ी हों.

वीडियो ग्रैब

Amethi News: उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले से सार्वजनिक शौचालय को लेकर कुछ तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि बिना पार्टीशन के टॉयलेट की चार सीटें लगी हुई हैं. चूंकि अमेठी क्षेत्र केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का संसदीय क्षेत्र है तो इसको लेकर कांग्रेस ने सांसद पर निशाना साधा है और कहा है कि, अमेठी में बने इस सार्वजनिक शौचालय को क्यों न दुनिया का 8वां नमूना घोषित कर दिया जाए. इसी के साथ कांग्रेस ने दीवारों के लिए आए पैसे को लेकर भी सवाल उठाया है.

ये पूरा मामला जगदीशपुर ब्लाक के कटेहटी गांव से सामने आया है. मिली जानकारी के मुताबिक गांव के लोगों की सुविधा के लिए लाखों रुपए की लागत से ये सार्वजनिक शौचालय बनवाया गया था लेकिन इंजीनियर ने सिर्फ सीटें बिठाकर अपना काम पूरा कर दिया और बीच में दीवार खड़ी नहीं की और अब गांव में लोग इस शौचालय को लेकर मजाक उड़ा रहे हैं और इंजीनियरों के काम का इसे नायाब नमूना बताया जा रहा है. साथ ही ये भी जानकारी सामने आ रही है कि, ग्रामीणों के लिए बनवाये गए इस शौचालय में हमेशा ताला बंद रहता है और टॉयलेट की सभी सीटें गंदी रहती हैं. इस सम्बंध में वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यूपी कांग्रेस ने अपने X (ट्विटर हैंडल) से पोस्ट कर अमेठी सांसद स्मृति ईरानी पर निशाना साधा है और कहा है कि, “अमेठी में बने इस सार्वजनिक शौचालय को दुनिया का आठवां अजूबा घोषित कर दिया जाए तो कैसा रहेगा…” इसी के साथ ये भी लिखा है कि, “देखिये! यहां पांच सीटें बिछाई गई हैं और उनके बीच कोई दीवार नहीं. बल्कि, ये ऐसे लगी हैं जैसे किसी हॉल में पांच चारपाइयां पड़ी हों. इसी के साथ सवाल उठाया गया है कि, हालांकि, समझने वाली बात ये है कि पैसा तो सारी दीवारों का भी आया होगा. फिर उन्हें कौन खा गया? ठेकेदार, अधिकारी, मंत्री या सब मिलजुल कर.

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पुराने शौचालय से सीट निकलवाने का दिया गया था आदेश

वहीं इस पूरे मामले पर डीपीआरओ श्रीकांत यादव का बयान सामने आया है. तमाम फजीहत होने के बाद डीपीआरओ ने मीडिया को बताया कि, ये सार्वजनिक शौचालय पुराना है और इसकी जगह पर गांव में ही दूसरे स्थान पर दूसरा सार्वजनिक शौचालय बनवा दिया गया है. साथ ही डीपीआरओ ने ये भी जानकारी दी कि, पुराने शौचालय से टॉयलेट की सीट को निकलवाने का आदेश दिया गया था लेकिन उसे निकाला नहीं गया इसकी जांच करवाई जाएगी. तो दूसरी ओर इस पूरे मामले को लेकर ग्राम प्रधान मो जव्वाद ने चुप्पी साध रखी है और बस इतना कहा है कि, सार्वजनिक शौचालय में 4 सीटें लगी हैं लेकिन सभी में पार्टीशन और दरवाजे लगे हुए हैं.

 

-भारत एक्सप्रेस



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