
राऊज एवेन्यु कोर्ट ने फर्जी कॉल सेंटर के जरिए अमेरिकी नागरिकों से 15 मिलियन डॉलर (करीब 129.5 करोड़ रुपये) ठगने के दो आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. विशेष न्यायाधीश गगनदीप सिंह ने कहा कि जांच अधिकारी ने रिकॉर्ड पर ऐसी सामग्री पेश की है, जिससे पता चलता है कि आरोपी जांच में असहयोग कर रहे हैं, जिससे हिरासत में पूछताछ का मामला बनता है.
आरोपी की अग्रिम जमानत के लिए नहीं मिला कोई आधार
साथ ही आरोपी अभिनव कालरा और दिव्यांश गोयल की अग्रिम जमानत के लिए कोई आधार नहीं है. पिछले साल जुलाई में सीबीआई ने एक मामला दर्ज किया था और 43 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. एजेंसी ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाने के लिए एली थॉमस, मैक्स रोजर्स, जेसन वॉटसन और रिक टेलर जैसे छद्म नामों का इस्तेमाल किया और उन्हें तकनीकी धोखाधड़ी का शिकार बनाया.
CBI ने कहा कि आरोपी सिग्नल पर विभिन्न भारतीय सेवा प्रदाताओं द्वारा सब्सक्राइब किए गए 46 मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल करके एक-दूसरे से संपर्क में थे. इस मामले में अमेरिकी अधिकारी और एफबीआई भी शामिल हैं.
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-भारत एक्सप्रेस
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