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साइबर सेल, क्राइम ब्रांच ने चुराए गए मोबाइल फोन के एक बड़े जखीरे को पकड़ा, साथ ही मोबाइल फोन तस्करी के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया

टीम को सूचना मिली कि मनीष यादव ने वजीराबाद गांव, दिल्ली में चोरी हुए मोबाइल फोन का एक बड़ा जखीरा जमा किया है. टीम ने छापेमारी की और आरोपी से 195 उच्च मूल्य वाले मोबाइल फोन बरामद किए.

Cyber ​​Cell, Crime Branch seized a huge cache of stolen mobile phones

मोबाइल फोन तस्करी के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़

साइबर सेल, क्राइम ब्रांच, दयालगंज, दिल्ली की एक विशेष टीम ने चोरी हुए मोबाइल फोन के व्यापार में शामिल एक डीलर को गिरफ्तार किया. आरोपी मनीष यादव (36), निवासी लोनी देहात, गाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश, को गिरफ्तार किया गया और उसके पास से 195 चोरी हुए मोबाइल फोन बरामद किए गए. इन मोबाइल फोन की अनुमानित कीमत ₹2 करोड़ है.

दिल्ली-एनसीआर में मोबाइल फोन चोरी और अवैध व्यापार को रोकने के लिए साइबर सेल ने एक गहन जांच शुरू की. टीम को सूचना मिली कि मनीष यादव ने वजीराबाद गांव, दिल्ली में चोरी हुए मोबाइल फोन का एक बड़ा जखीरा जमा किया है. टीम ने छापेमारी की और आरोपी से 195 उच्च मूल्य वाले मोबाइल फोन बरामद किए.

टीम ने वजीराबाद गांव में एक जाल बिछाया और आरोपी के घर पर छापेमारी की. आरोपी मनीष यादव को मौके पर गिरफ्तार किया गया. बरामद मोबाइल फोन में 39 आईफोन, 52 सैमसंग, 45 वनप्लस और अन्य ब्रांड्स के फोन शामिल थे.

तस्करी का तरीका:

पूछताछ में मनीष यादव ने बताया कि वह नाबालिगों और चोरों से दिल्ली-एनसीआर के भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों से मोबाइल फोन चुरवाता था और इन्हें सस्ते दामों में खरीद कर अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचने के लिए जमा करता था. मनीष यादव, गाज़ियाबाद का निवासी और एक इंजीनियर, पहले स्क्रैप व्यापार में था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उसने अवैध गतिविधियों का सहारा लिया.

उसने चोरी किए गए मोबाइल फोन बेचने के लिए एक तस्कर से संपर्क किया था और इसके बदले उसे हर फोन पर ₹1,000 से ₹3,000 का कमीशन मिलता था. 195 चोरी किए गए मोबाइल फोन जिनकी अनुमानित कीमत ₹2 करोड़ है, बरामद किए गए हैं. इस मामले की आगे की जांच जारी है.

-भारत एक्सप्रेस 



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