

Gujarat News: गुजरात के अमरेली जिले के मुंजियासर प्राथमिक स्कूल में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. 25 बच्चों के हाथों पर ब्लेड से कटने के निशान पाए गए. यह घटना स्कूल और आसपास के गांव में हड़कंप मचा देने वाली थी. जब अभिभावकों ने इस पर सवाल उठाए, तो स्थानीय पुलिस और अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू की. पहले यह अंदाजा लगाया गया था कि बच्चों ने ऑनलाइन वीडियो गेम की लत के कारण ऐसा किया है, लेकिन जांच में खुलासा हुआ कि यह सब बच्चों के बीच खेले जा रहे ‘ट्रुथ एंड डेयर’ खेल के दौरान हुआ था.
खेल के दौरान ब्लेड से काटे हाथ
मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब स्कूल के बच्चों के हाथों में ब्लेड से काटे गए निशान पाए गए. यह घटना उन बच्चों के साथ हुई थी जो 5वीं से 8वीं कक्षा के छात्र थे. स्कूल प्रशासन ने जब इन निशानों के बारे में सवाल किए, तो अभिभावकों ने गंभीरता से इसकी जानकारी दी और पुलिस को इसकी शिकायत की. पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिसके बाद यह सामने आया कि बच्चों ने 10 रुपये की शर्त जीतने के लिए ‘ट्रुथ एंड डेयर’ खेल के दौरान एक-दूसरे के हाथों को ब्लेड से काटा था.
शिक्षा मंत्री ने लिया संज्ञान
इस मामले में गुजरात के शिक्षा मंत्री प्रफुल्ल पंसारिया ने भी गंभीरता से संज्ञान लिया. उन्होंने अधिकारियों से इस मामले की पूरी जानकारी ली और यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए कि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों. शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है और राज्य के अधिकारियों से मामले की समग्र जांच करने के लिए कहा. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि बच्चों को इस तरह के खतरनाक खेल से रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे.
पुलिस जांच और कार्रवाई
पुलिस ने बच्चों से पूछताछ की और पाया कि यह घटना खेल के दौरान हुई. बच्चों ने बताया कि यह सब केवल मजाक और शर्त जीतने के लिए किया गया था, लेकिन वे यह नहीं समझ पाए कि यह कितना खतरनाक हो सकता है. पुलिस ने इस मामले में स्कूल प्रशासन से भी स्पष्टीकरण मांगा और बच्चों के अभिभावकों से बात की.
अभिभावकों और शिक्षकों की भूमिका पर सवाल
यह घटना यह सवाल उठाती है कि आखिर बच्चों को इस तरह के खतरनाक खेल खेलने से क्यों नहीं रोका गया? क्या बच्चों को इस खेल के खतरों के बारे में समझाया गया था? शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह जरूरी है कि स्कूलों में बच्चों को सुरक्षित माहौल मिले और ऐसे खेलों से बचने के लिए जागरूक किया जाए.
गुजरात के इस मामले ने यह साफ किया कि बच्चों के खेल का असर कभी-कभी गंभीर हो सकता है. बच्चों को सुरक्षा, शिक्षा और खेल के बीच संतुलन सिखाना बहुत जरूरी है. इस घटना के बाद स्कूल प्रशासन और पुलिस ने जांच तेज कर दी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों.
ये भी पढ़ें- ‘साड़ी वाली दीदी आई…’ कुणाल कामरा की निर्मला सीतारमण पर तीखी पैरोडी, पुलिस ने भेजा दूसरा समन
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.