दारुल उलूम देवबंद (फाइल फोटो)
प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम देवबंद (Darul Uloom Deoband) ने महिलाओं के प्रवेश पर लंबे समय से लगे प्रतिबंध को हटा दिया है. अब महिलाएं दो घंटे के विजिटर पास से प्रवेश कर सकेंगी. महिलाओं को पर्दे का पालन करना होगा. उन्हें सख्त नियमों के साथ परिसर में घूमने की अनुमति मिल गई है.
प्रवेश को लेकर नियमावली तैयार
देवबंद संस्था के एक सदस्य ने बताया कि देवबंद के दारुल उलूम परिसर में प्रवेश पर महिलाओं पर लगे प्रतिबंध को संस्था के प्रबंधन ने समाप्त कर दिया. कुछ नियमों के साथ महिलाओं को परिसर में घूमने की इजाजत मिल गई है. दारुल उलूम प्रबंधन ने कई दौर की वार्ता के बाद देश-विदेश से आने वाली महिलाओं के दारुल उलूम में प्रवेश को लेकर एक नियमावली तैयार की है, जिसका पालन करते हुए महिलाओं का प्रवेश दिया जाएगा.
विजिटर पास दिखाना होगा
उन्होंने बताया कि अब दारुल उलूम प्रबंधन (Deoband Madarsa) ने संस्थान के परिसर में प्रवेश के लिये आगंतुक (विजिटर) पास जारी करने के लिये एक अधिकारी को नियुक्त किया है. विजिटर पास में आधार कार्ड या वोटर कार्ड या पैन कार्ड फॉर्म संबंधित अधिकारी को दिखाना होगा. फॉर्म के एक कॉलम में विजिटर का नाम, मोबाइल नंबर, पता, घूमने आए सदस्यों (महिला और पुरुष) की संख्या आदि का ब्योरा देना होगा. महिलाओं को संस्था के अंदर प्रवेश करने की इजाजत दिन खत्म होने से पहले यानी सूर्यास्त तक की होगी.
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संस्था परिसर में बैठकर खाना खाने पर रोक रहेगी. पास की वैधता दो घंटे की होगी. महिलाएं शाम को विजिट नहीं कर सकेंगी. वीडियोग्राफी पर पूर्णतया पाबंदी रहेगी.
बिना हिजाब फोटो ले रही थीं महिलाएं
कुछ माह पहले दारुल उलूम प्रबंधन ने संस्थान में शिक्षण कार्य के दौरान बाहरी महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगा दी थी. बाहर से संस्थान में भ्रमण को आने वाली महिलाएं जहां बेपर्दा घूम रही थीं, वहीं संस्था की ऐतिहासिक इमारतों के सामने बिना हिजाब फोटो भी ले रही थीं. साथ ही रील बनाकर और इस पर गाने की एडिटिंग कर इन्हें सोशल मीडिया पर डाला जा रहा था. जिसके बाद संस्थान ने महिलाओं के प्रवेश पर बैन लगा दिया था.
-भारत एक्सप्रेस