प्रतीकात्मक चित्र
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) की बैठक में 21,772 करोड़ रुपये के पांच रक्षा अधिग्रहण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. रक्षा मंत्रालय ने इस बारे में आधिकारिक जानकारी दी.
इन प्रस्तावों में भारतीय नौसेना के लिए जहाज, भारतीय तटरक्षक बल के लिए हेलीकॉप्टर, और भारतीय वायुसेना के लिए इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली शामिल हैं. इसके अलावा टैंकों, वाहनों और विमान इंजनों को अपग्रेड करने की भी योजना है.
वॉटर जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट
DAC ने भारतीय नौसेना के लिए 31 नए वॉटर जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट की खरीद को मंजूरी दी. ये जहाज तटीय इलाकों में निगरानी, गश्त, तलाशी और बचाव कार्य जैसे मिशन के लिए बनाए गए हैं.
इनका उपयोग भारत के द्वीप क्षेत्रों के आसपास समुद्री डकैती रोकने के लिए भी किया जाएगा.
फास्ट इंटरसेप्टर क्राफ्ट
भारतीय नौसेना के लिए 120 फास्ट इंटरसेप्टर क्राफ्ट खरीदने को भी मंजूरी मिली. ये जहाज विमान वाहक, विध्वंसक, फ्रिगेट और पनडुब्बी जैसे उच्च मूल्य के यूनिट्स की सुरक्षा और तटीय रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
सुखोई के लिए इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली
DAC ने सु-30 MKI लड़ाकू विमानों के लिए इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली की खरीद को मंजूरी दी. इसमें सेल्फ-प्रोटेक्शन जैमर पॉड, नई पीढ़ी के रडार चेतावनी रिसीवर और अन्य उपकरण शामिल हैं.
यह प्रणाली सु-30 MKI की परिचालन क्षमताओं को बढ़ाएगी और दुश्मन के रडार और हथियार प्रणालियों से सुरक्षा प्रदान करेगी.
एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर
भारतीय तटरक्षक बल के लिए छह एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर Mk-III (मैरीटाइम रोल) की खरीद को भी स्वीकृति दी गई. ये हेलीकॉप्टर तटीय सुरक्षा और निगरानी को और मजबूत करेंगे.
रक्षा उपकरणों की सर्विस लाइफ बढ़ाने की योजना
सेना के टी-72 और टी-90 टैंकों, बीएमपी पैदल सेना लड़ाकू वाहनों और सुखोई लड़ाकू विमानों के इंजनों के ओवरहाल को भी मंजूरी दी गई. यह योजना इन उपकरणों की सेवा आयु बढ़ाने में सहायक होगी. रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ये सभी प्रस्ताव भारतीय रक्षा बलों की ताकत और कार्यक्षमता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगे.
-भारत एक्सप्रेस
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