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दिल्ली क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने नाबालिग लड़की को 9 महीने बाद किया बरामद

जांच में पाया गया कि लड़की का परिवार उत्तर प्रदेश का निवासी है और दिल्ली में किराये के मकान में रहता है. लड़की के पिता का निधन हो चुका है और उसकी मां दिव्यांग हैं.

(प्रतीकात्मक तस्वीर: X/Delhi Police)

दिल्ली क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने एक 15 वर्षीय नाबालिग लड़की को नांगलोई-नजफगढ़ रोड से 9 महीने बाद सकुशल बरामद किया. लड़की 21 मार्च 2024 से लापता थी और इस संबंध में थाना रणहोला, बाहरी जिला, दिल्ली में आईपीसी की धारा 363 के तहत मामला दर्ज किया गया था. लड़की 21 मार्च 2024 को अपने घर से लापता हो गई थी. इस घटना को गंभीरता से लेते हुए, क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने मामले को प्राथमिकता दी.

जांच और ऑपरेशन

लड़की की उम्र और मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए इंस्पेक्टर मनोज दहिया, एसआई नरेंद्र कुमार, महिला एसआई रंजना, हेड कांस्टेबल अजीत और जय किशन की टीम ने एसीपी एचटीयू अरुण चौहान के नेतृत्व में इस पर काम शुरू किया. टीम ने लड़की के परिवार, दोस्तों और अन्य लोगों से पूछताछ की. मोबाइल नंबरों के सीडीआर का विश्लेषण किया गया और मैनुअल तथा तकनीकी निगरानी का सहारा लिया गया. इन सभी प्रयासों के बाद पीड़िता को विकास नगर बस स्टैंड, नांगलोई-नजफगढ़ रोड, दिल्ली से बरामद किया गया. हेड कांस्टेबल अजीत (1464/क्राइम) की विशेष मेहनत और सूचना पर यह सफलता मिली.

जांच से जुड़े तथ्य

जांच में पाया गया कि लड़की का परिवार उत्तर प्रदेश का निवासी है और दिल्ली में किराये के मकान में रहता है. लड़की के पिता का निधन हो चुका है और उसकी मां दिव्यांग हैं. वह आठवीं कक्षा तक पढ़ाई कर चुकी है. लापता अवधि के दौरान उसने अपने वास्तविक ठिकाने का खुलासा नहीं किया. बरामद लड़की को थाना रणहोला के जांच अधिकारी को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए सौंप दिया गया है.

-भारत एक्सप्रेस



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