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Delhi: DIP ने बढ़ाई सीएम केजरीवाल की मुश्किलें, भेजा रिकवरी नोटिस, 10 दिन में नहीं लौटाए 164 करोड़ तो AAP की संपत्ति हो सकती है कुर्क!

Recovery Notice to Arvind Kejriwal: दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली के मुख्य सचिव को साल 2015-2016 के दौरान सरकारी विज्ञापनों की आड़ में प्रकाशित राजनीतिक विज्ञापनों के लिए अरविंद केजरीवाल की पार्टी से 97 करोड़ रुपए वसूलने का निर्देश दिया था. 

Arvind Kejriwal slams BJP

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (फोटो- ट्विटर)

Recovery Notice to CM Arvind Kejriwal: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. दरअसल, दिल्ली सरकार (Delhi Government) के ही DIP यानी डायरेक्टरेट ऑफ इनफॉर्मेशन एंड पब्लिसिटी सचिव ने सीएम अरविंद केजरीवाल को 164 करोड़ रु का रिकवरी नोटिस भेजा है. रिकवरी नोटिस में इस राशि को 10 दिनों के भीतर जमा कराने को भी कहा गया है.

इसके पहले, दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना (VK Saxena) ने दिल्ली के मुख्य सचिव को साल 2015-2016 के दौरान सरकारी विज्ञापनों की आड़ में प्रकाशित राजनीतिक विज्ञापनों के लिए अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी से 97 करोड़ रुपए वसूलने का निर्देश दिया था. अब एलजी के निर्देश के बाद दिल्ली सरकार के ही सूचना एवं प्रचार निदेशालय ने सीएम अरविंद केजरीवाल को यह नोटिस जारी किया है. इस नोटिस ने सीएम अरविंद केजरीवाल की टेंशन बढ़ा दी है. नोटिस के मुताबिक, 10 दिनों के भीतर इस राशि का भुगतान करना होगा.

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…तो AAP की संपत्ति हो सकती है कुर्क

सूत्रों के मुताबिक, सूचना एवं प्रचार निदेशालय ने जो नोटिस जारी किया है, उसमें राशि पर लगा ब्याज भी शामिल है. साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर सीएम अरविंद केजरीवाल तय समय में इस राशि का भुगतान करने में विफल रहते हैं तो उपराज्यपाल के पिछले आदेश के मुताबिक समयबद्ध तरीके से कार्रवाई की जाएगी. इसके तहत पार्टी की संपत्ति भी कुर्क की जा सकती है. दूसरी तरफ, इस रिकवरी नोटिस के बाद अभी तक दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार या किसी नेता ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

पहले भी भेजा गया था एलजी की तरफ से नोटिस

सूत्रों के मुताबिक, 31 मार्च, 2017 तक राजनीतिक विज्ञापनों पर 99.31 करोड़ रु खर्च किए गए और इस राशि पर दंडात्मक ब्याज 64.31 करोड़ लगाए गए हैं. इसके बाद दोनों को मिलाकर कुल देय राशि 163.62 करोड़ हो जाती है. बता दें कि जब पिछले साल दिसंबर महीने में एलजी की तरफ से नोटिस भेजा गया था तो आम आदमी पार्टी ने इसे ‘लव लेटर’ करार दिया था. आम आदमी पार्टी ने तब आरोप लगाया था की एलजी वीके सक्सेना ने बीजेपी के निर्देश पर नोटिस जारी किया है.

-भारत एक्सप्रेस



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