
इस साल के सबसे पहले और चर्चित चुनाव यानी दिल्ली विधानसभा चुनाव का आज परिणाम घोषित हो चुका है. परिणामों के अनुरुप 27 साल के लंबे सुखे के बाद भारतीय जनता पार्टी ने वापसी की है. चुनाव में BJP ने 70 सीटों में से 48 सीटों के साथ प्रचंड बहुमत हासिल की है. 27 सालों बाद दिल्ली में बीजेपी का कोई मुख्यमंत्री होने जा रहा है.
आखिरी बार दिल्ली में पार्टी ने 1993 में 49 सीटें जीती थी. तब पांच साल में बीजेपी ने पांच मुख्यमंत्री दिए, जिनमें मदनलाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज शामिल हैं.
जो लौट के सदन न आए
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में कुछ अप्रत्याशित परिणाम आए हैं. केजरीवाल सहित कई दिग्गज इस चुनाव मे औंधे मुंह गिरे हैं. पटपड़गंज से अवध ओझा को 25681 मतों से BJP के रवि नेगी ने हराया. जंगपुरा से मनीष सिसोदिया को BJP के प्रत्याशी तरविंदर सिंह मारवाह से हार का सामना करना पड़ा.
ग्रेटर कैलाश विधानसभा सीट से सौरभ भारद्वाज ने हार का स्वाद चखा. उन्हें बीजेपी की शिखा रॉय ने 3188 वोटों से हराया. नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल चुनाव हारे और BJP के परवेश वर्मा ने 3182 वोटों से जीत दर्ज की.
सबसे चौकाने वाला नतीजा मुस्तफाबाद से रहा. यहां से आप के आदिल अहमद खान BJP के मोहन सिंह बिष्ट से हार गए.
संदीप दीक्षित को मिला वोट रहा निर्णायक
नई दिल्ली से चुनाव लड़ रहे अरविंद केजरीवाल को बीजेपी के परवेश वर्मा ने पटखनी दे दी है. हालांकि, यहां पर दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित भी मैदान में थे. अरविंद केजरीवाल के हारने या परवेश वर्मा की जीत में संदीप दीक्षित को मिला वोट बहुत अहम था. परवेश वर्मा ने कुल 22034 मत पाकर 4089 मतों से केजरीवाल को हराया. जबकि संदीप दीक्षित को 4568 वोट मिले.
हम हैं बाजीगर
कालकाजी सीट से आतिशी ने बीजेपी से रमेश बिधूड़ी हरा दिया. चांदनी चौक सीट से AAP के उम्मीदवार पुनरदीप साहनी ने बड़ी जीत हासिल की और BJP के सतीश जैन को हार मिली. बाबरपुर सीट से AAP प्रत्याशी गोपाल राय ने BJP के अनिल कुमार वशिष्ठ को 18994 वोटों से हराया. सुल्तानपुर माजरा से AAP के मुकेश अहलावत जीतें और BJP के करम सिंह कर्मा की हार हुई. बल्लीमारान सीट से AAP के इमरान हुसैन ने BJP प्रत्याशी कमल बागड़ी को 29823 वोटों से शिकस्त दी.
कैन बनेगा सीएम
केजरीवाल को हराने वाले परवेश वर्मा अभी तक के कयासों मे सबसे आगे चल रहे है. जीत के ठीक बाद उनका अमित शाह से मिलना इस ओर इशारा करता है. इसके अलावा भी वह पूर्व सीएम साहिब वर्मा के बेटे भी हैं. ये सभी थोड़ा-थोड़ा मिलकर परवेश वर्मा के सीएम होने के कयास को और पुख्ता करता है. हालांकि, ये महज कयास हैं. भाजपा चौकाने वाली राजनीति में धुरंधर है. जैसा कि हम राजस्थान और मध्यप्रदेश में देख चुके हैं.
इसके अलावा बीजेपी के विजेंद्र गुप्ता, सतीश उपाध्याय, आशीष सूद, जितेंद्र महाजन का नाम भी सीएम पद के लिए उछाला जा रहा है.
-भारत एक्सप्रेस
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