
दिल्ली हाई कोर्ट ने कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर द्वारा दायर आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई के लिए 8 अप्रैल की तारीख तय की है. याचिका में ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने का निर्देश दिया गया था.
टाइटलर के वकील ने स्थगन की मांग की
टाइटलर के वकील ने मामले में स्थगन की मांग की थी, उनका कहना था कि बहस करने वाला वकील इस समय उपलब्ध नहीं है. इसके बाद जस्टिस विकास महाजन की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 8 अप्रैल तय की.
सीबीआई का आरोप और टाइटलर का बचाव
पिछली सुनवाई में सीबीआई ने दावा किया था कि आठ गवाहों ने कहा है कि टाइटलर गुरुद्वारा पुल बंगश में मौजूद थे, हालांकि टाइटलर का कहना था कि वह वहां नहीं थे. टाइटलर ने अपनी सफाई में एक 17 मिनट का वीडियो पेश किया था, जिसमें यह दिखाया गया कि वह दंगों के दौरान तीन मूर्ति भवन में थे. सीबीआई के एसपीपी अनुपम एस शर्मा और अधिवक्ता प्रकाश ऐरन ने दावा किया कि वीडियो के 9 मिनट का हिसाब नहीं दिया गया है.
1984 के सिख विरोधी दंगे और आरोप
राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने 30 अगस्त को 1984 के सिख विरोधी दंगों में टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने का निर्देश दिया था. कोर्ट का कहना था कि साक्ष्य दर्शाते हैं कि टाइटलर और अन्य लोग गैरकानूनी तरीके से सभा कर रहे थे और गुरुद्वारा पर हमला किया था, जिसके कारण गुरुद्वारा नष्ट हो गया और तीन लोगों की मौत हो गई.
सीबीआई जांच में अपर्याप्त सबूत
सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ कई पूरक रिपोर्टें दीं, लेकिन टाइटलर के खिलाफ अपर्याप्त सबूत पाए गए. हालांकि, गवाहों ने टाइटलर की संलिप्तता की गवाही दी, लेकिन सीबीआई आरोपों को पुष्ट करने में विफल रही.
-भारत एक्सप्रेस
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