किसान आंदोलन
किसान आंदोलन के दौरान पुलिस बल द्वारा किसानों पर पैलेट गन के प्रयोग से कई किसानों की आंखों की रोशनी जाती रही. अब इसे लेकर खलरा मिशन और मानवाधिकार न्याय संघर्ष समिति ने किसानों को पैलेट गन से अंधा करने वाले दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की. इसके लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को एक पत्र लिखा है. अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि-
सेवा में,
मुख्य न्यायाधीश साहब, सुप्रीम कोर्ट, नई दिल्ली.
विषय:- किसान आंदोलन के दौरान पैलेट गन का प्रयोग कर किसानों को अंधा करने वाले दोषियों पर कार्यवाही के संबंध में.
आज हम आपका ध्यान पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर बैठे किसानों और गरीबों पर हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे जुल्म की ओर दिला रहे हैं.
इसके आलावा पत्र में आगे कहा गया है कि शांतिपूर्ण और निहत्थे किसानों पर ड्रोन से अश्रु गैस के गोले गिराए जा रहे हैं, गोलियां चलाई जा रही हैं और अत्याचार के चरम पर किसानों को पैलेट गन से अंधा किया जा रहा है. पत्र में कहा गया है कि तीन किसानों की आंखों की रोशनी चली गई, करीब दो दर्जन का इलाज चल रहा है. कुल करीब 400 लोग घायल बताए जा रहे हैं.
कोर्ट से मामले में हस्तक्षेप की मांग
सुप्रीम कोर्ट से मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हुए पत्र में कहा गया है कि हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप हस्तक्षेप करें और किसानों पर पेलेट गन, ड्रेन जैसे उत्पीड़न को रोकें ताकि शांतिपूर्ण किसानों को अपना अधिकार मिल सके और कॉरपोरेट घरानों और सरकार के खिलाफ आवाज उठा सकें.
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पत्र में कहा कि आज देश-दुनिया में झूठे विकास-झूठे न्याय के सारे मायावी मॉडल फेल हो गये हैं. किसान विदेशी राजधानियों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन भारत में किसानों को राजधानी में जाकर विरोध करने की इजाजत नहीं दी जा रही है. वहीं पत्र में कहा कि जनता घोर अत्याचार से त्रस्त है, जंगल राज्य शीर्ष पर है. 5-6 दिनों से पंजाब-हरियाणा सीमा पर बैठे किसानों को गोदी मीडिया द्वारा खलनायक के रूप में चित्रित किया जा रहा है. पत्र में कहा कि सरकारों द्वारा अपने अपराधों पर पर्दा डालने के लिए झूठी कहानियां गढ़ी जा रही हैं. पंजाब की धरती पर किसानों पर हो रहे अत्याचार को लेकर पंजाब सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.