आखिर क्यों सृष्टि के रचयिता ब्रह्मदेव की पूजा नहीं होती है? यहां जानिए इसकी वजह
Dev Deepawali 2023: इस बार कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर को पड़ रही है और इसी दिन देव दीपावली भी मनाई जाती है. देव दीपावली को देखते हुए वाराणसी में त्योहारी तैयारियां जोरों पर हैं. खबरों के मुताबिक, इस बार वाराणसी के घाटों पर 21 लाख दीपों से सभी 108 घाटों, 75 कुंडों और तालाबों पर दीपोत्सव करने की योजना बनाई गई है. अयोध्या में दीपोत्सव की तर्ज पर ही वाराणसी में भी खास कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. पौराणिक कथाओं की मानें तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवी और देवता शिव की नगरी काशी में गंगा नदी में स्नान करने आते हैं और शाम के समय में दीपक जलाते हैं. इस वजह से इस दिन को देव दीपावली के नाम से जानते हैं. इसीलिए इस दिन काशी में खास उत्सव देखने को मिलता है.
मीडिया सूत्रों के मुताबिक, इस बार देव दीपावली के मौके पर वाराणसी के घाट पर खास तैयारी की जा रही है. क्योंकि खास बात ये है कि इस बार जो 21 लाख दीए जलाए जाएंगे उनमें से 20 लाख दीये मिट्टी के रहेंगे और एक लाख दीये गाय के गोबर से बने होंगे. इस बार देव दीपावली पर पांच प्रमुख विषय पर ध्यान केंद्रित करके कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इस बार नारी सशक्तिकरण के साथ ही अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य श्री राम मंदिर का निर्माण, नशा उन्मूलन,गंगा के निर्मलता अविरलता के साथ-साथ गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व पर आधारित थीम पर देव दीपावली मनाई जाएगी. इन पांच बिंदुओं पर देव दीपावली मनाए जाने को लेकर तैयारी जारी है. केंद्रीय देव दीपावली समिति की ओर से इसको लेकर तैयारी की जा रही है. समिति के अध्यक्ष आचार्य बागिश दत्त मिश्र ने इस सम्बंध में जानकारी दी है.
इस बार देव दीपावली में चाइनीज लाइटों के इस्तेमाल पर रोक रहेगी और घाटों को दीपों से ही रोशन किया जाएगा. इस वर्ष देव दीपावली पर वाराणसी में लगभग आठ लाख से अधिक पर्यटकों के आने की संभावना है. केंद्रीय देव दीपावली समिति तीर्थ पुरोहित के साथ आने वाले पर्यटकों को इस उत्सव के मानने का बेहद बेसब्री से इंतजार है. सभी अपनी-अपनी तैयारी में लगे हैं और घाटों पर अभी से रौनक देखी जा सकती है.
देव दीपावली के मौके पर काशी में आने वाले मेहमानों के लिए केंद्रीय देव दीपावली समिति और आरती महासमिति ने जिला प्रशासन से सहयोग व सुरक्षा को लेकर अपील की है. दीपोत्सव की शुरुआत लगभग शाम 5:15 से हो जाएगी. इस मौके पर समिति द्वारा सभी घाटों पर एक साथ दीपोत्सव शुरू कराए जाने की योजना है. इसी के साथ ही साफ-सफाई को लेकर भी समिति ने जिला प्रशासन से अपील की है, ताकि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को असुविधा न हो.
-भारत एक्सप्रेस
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