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Sanatan Dharma Row: “DMK डेंगू-मलेरिया का मच्छर, पार्टी के खात्मे की जरूरत”, सनातन धर्म पर जंग के बीच भाजपा का करारा प्रहार

भाजपा के तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने सनातन धर्म के साथ मजबूती के साथ बचाव करते हुए कहा कि राज्य में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (DMK) एक जातिवादी पार्टी है और इसे खत्म किया जाना चाहिए.

डीएमके को बीजेपी की खुली चुनौती

भाजपा के तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने सनातन धर्म के साथ मजबूती के साथ बचाव करते हुए कहा कि राज्य में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (DMK) एक जातिवादी पार्टी है और इसे खत्म किया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने द्रमुक के दलित उत्थान को लेकर सवाल भी उठाया. भाजपा नेता ने द्रमुक को डेंगू मलेरिया कोसु (मच्छर) करार देते हुए कहा कि इसके ‘उन्मूलन’ की जरूरत है.

सनातन धर्म के मुद्दे पर चुनाव लड़े डीएमके- बीजेपी

अन्नामलाई ने मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और उनके बेटे उदयनिधि के बयानों का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों की सनातन धर्म के खिलाफ बयानबाजी में कमी आई है और यह अच्छा है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक वीडियो पोस्ट किया और कहा, “आप दोनों जानते हैं कि आप पिछले 3-4 दिन से एक हारी हुई लड़ाई लड़ रहे हैं.” अन्नामलाई ने द्रमुक को सनातन धर्म के मुद्दे पर लोकसभा चुनाव लड़ने की चुनौती दी.

उदयनिधि पर झूठ बोलने का आरोप लगाया

उन्होंने कहा, “हम आपको आने वाले चुनाव (लोकसभा चुनाव) के लिए चुनौती देते हैं, चलिए सनातन धर्म पर चुनाव लड़ते हैं. द्रमुक कहती रहे कि वह सनातन धर्म को खत्म करने जा रही है. हम कहते हैं हम सनातन धर्म की रक्षा और संरक्षण करेंगे।” उन्होंने स्टालिन और उदयनिधि पर झूठ बोलने का आरोप लगाया.

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अन्नामलाई ने कहा, “अगर तमिलनाडु से किसी चीज को खत्म करने की जरूरत है, तो वह द्रमुक है, जिसमें डी का अर्थ डेंगू, एम का मलेरिया और के का कोसु (मच्छर) है.” अन्नामलाई ने कहा कि स्टालिन ने दावा किया था कि सनातन धर्म अनिवार्य तौर पर भेदभाव करता है और इसीलिए द्रविड आंदोलन की शुरुआत हुई थी. प्रतिष्ठित तमिल दलित नेता एम सी राजा के दौर का उल्लेख करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने 1923 में उन्होंने यह कहते हुए जस्टिस पार्टी छोड़ दी थी कि “ब्राह्मणवादी वर्चस्व” की जगह ऊंची जाति के हिंदुओं ने ले ली है और संगठन में अनुसूचित जाति के नेताओं के लिए कोई जगह नहीं बची है. जिन सिद्धांतों पर जस्टिस पार्टी का गठन किया गया उनका पालन नहीं किया जा रहा.

-भारत एक्सप्रेस

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