प्रतीकात्मक चित्र
महंगाई, जिसे इन्फ्लेशन भी कहते हैं, समय के साथ लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे रुपये की वैल्यू साल-दर-साल घट रही है. आसान भाषा में कहें तो आज जिस चीज़ को आप एक खास कीमत पर खरीद सकते हैं, हो सकता है कि भविष्य में वही चीज़ आप उसी कीमत पर न खरीद पाएं. अगर आज किसी वस्तु की कीमत 100 रुपये है, तो हो सकता है 10 साल बाद उसी वस्तु की कीमत 120 रुपये हो जाए. यह सब महंगाई के कारण होता है, जिससे चीज़ें महंगी हो जाती हैं और पैसों की कीमत घट जाती है.
रुपये की भविष्य की वैल्यू को समझना क्यों जरूरी?
रुपये की भविष्य की वैल्यू जानना इसलिए जरूरी है क्योंकि यह आपको इस बात का अंदाजा देता है कि आपकी मौजूदा सेविंग्स भविष्य में आपकी जरूरतों और लक्ष्यों को पूरा करने के लिए पर्याप्त हैं या नहीं. अगर महंगाई बढ़ती है, तो आपके पैसे की कीमत कम हो जाती है, जिससे आप कम सामान खरीद पाएंगे. दूसरी तरफ, अगर महंगाई कम होती है, तो पैसे की वैल्यू बढ़ती है और आप उतने ही रुपयों में अधिक खरीदारी कर सकेंगे. इसलिए, भविष्य की जरूरतों की सही योजना बनाने के लिए पैसों की फ्यूचर वैल्यू का पता होना जरूरी है.
पिछले कुछ सालों में महंगाई का आंकड़ा
अगर हम महंगाई के पिछले रिकॉर्ड को देखें, तो 2010 में यह 12% तक पहुंच गई थी. 2016 के बाद इसमें कमी आई और यह औसतन 4% तक हो गई. हालांकि, कोविड महामारी के बाद महंगाई दर फिर से 6% के पार चली गई. हाल के समय में, महंगाई दर 4% से कम हो गई है.
भविष्य की महंगाई दर का अनुमान
आरबीआई (RBI) ने महंगाई दर को 2% के टॉलरेंस रेंज के साथ 4% रखने का लक्ष्य तय किया है. इसी आधार पर हम यह कैलकुलेट कर सकते हैं कि अगले 20, 30 और 40 सालों में 1 लाख रुपये की क्या वैल्यू होगी, मानते हुए कि महंगाई दर आरबीआई की टारगेट रेंज में रहेगी.
1 लाख रुपये की भविष्य की वैल्यू
20 साल बाद: अगर हम 4% सालाना महंगाई दर मानें, तो 20 साल बाद 1 लाख रुपये की वैल्यू घटकर करीब 45,800 रुपये रह जाएगी.
30 साल बाद: इसी महंगाई दर पर 30 साल बाद 1 लाख रुपये की वैल्यू और कम होकर लगभग 23,500 रुपये हो जाएगी.
40 साल बाद: 40 साल बाद, 1 लाख रुपये की वैल्यू सिर्फ 12,100 रुपये रह जाएगी.
महंगाई और आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग
महंगाई आपके पैसे की भविष्य की खरीदारी क्षमता (Purchasing Power) को कैसे प्रभावित करती है, यह इन आंकड़ों से साफ समझा जा सकता है. इसलिए, भविष्य की वित्तीय योजना बनाते समय महंगाई दर का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, खासतौर पर रिटायरमेंट की योजना बनाते समय. जो फंड आपको आज पर्याप्त लग रहा है, वह 20-30 साल बाद काफी नहीं हो सकता. इसलिए, महंगाई को ध्यान में रखकर अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग करें ताकि भविष्य में आर्थिक सुरक्षा बनी रहे.
-भारत एक्स्प्रेस
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