Earthquake tremors: उत्तराखंड में एक बार फिर से भूंकप आया है. जिससे लोग सहम गए. देर रात आए भूकंप के झटके उत्तरकाशी के सिलक्यारा में भी महसूस किए गए. ये वहीं इलाका है, जहां निर्माणाधीन सुरंग धंसने से 40 मजदूर अंदर फंसे हुए हैं. उनको बचाने के लिए सेना ऑपरेशन चला रही है. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.1 मापी गई है. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप देर रात 2 बजकर 2 मिनट पर आया था. जिसका केंद्र जमीन के अंदर गहराई में 5 किलोमीटर था.
सुरंग में फंसे हैं 40 मजदूर
बता दें कि उत्तरकाशी जिले में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिल्क्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा रविवार तड़के अचानक टूट गया. इस हादसे में वहां काम कर रहे करीब 40 मजदूर अंदर फंस गए. मामले को लेकर पुलिस ने बताया कि हादसा सुबह करीब चार बजे सिल्कयारा की ओर हुआ, जब साढ़े चार किलोमीटर लंबी निर्माणाधीन सुरंग का करीब 150 मीटर हिस्सा टूट गया.
पहले भी आया था भूकंप
गौरतलब है कि इससे पहले नेपाल से लेकर दिल्ली और देश के कई हिस्सों में आए भूकंप के दौरान उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भी झटके महसूस किए गए थे. तब भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.6 मापी गई थी. भूकंप का केंद्र नेपाल में था. नेपाल में भूकंप से भारी तबाही हुई थी.
इसलिए आता है भूकंप
आखिर भूकंप क्यों आते हैं? इसको समझने के लिए सबसे पहले पृथ्वी की संरचना को जानना जरूरी है. हमारी पृथ्वी टैक्टोनिक प्लेट्स पर स्थित है. इन प्लेटों के नीचे तरल पदार्थ लावा है. जिसपर टैक्टोनिक प्लेट्स तैरती रहती हैं. कई बार ऐसा होता है कि ये प्लेटें आपस में टकरा जाती हैं. बार-बार टकराने से इन प्लेट्स के कोने सिकुड़ जाते हैं या फिर टूटने लगते हैं. जिससे नीचे से निकली ऊर्जा बाहर निकलने के लिए रास्ते खोजती है. जिसमें डिस्टर्बेंस होता है और इसी के बाद भूकंप की स्थिति पैदा होती है.
भारत एक्सप्रेस