मजदूरों को सुरंग से निकालने के लिए लाई गई ऑगर मशीन
Uttarakhand Tunnel Accident: उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. बुधवार (15 नवंबर) को दिल्ली से भारी ऑगर मशीन लाई गई हैं. वायुसेना के तीन विशेष विमानों के जरिए इन ऑगर मशीनों को उत्तरकाशी लाया गया है. इनका वजन 25 टन है. इन मशीनों की मदद से प्रति घंटे 5 मीटर मलबा निकाला जा सकेगा. मलबे को भेदकर स्टील पाइप को दूसरी तरफ पहुंचाया जाएगा.
वायुसेना के हरक्यूलिस विमानों से पहुंचाई गईं ऑगर मशीनें
बीते बुधवार को वायुसेना का हरक्यूलिस विमानों से तीन खेप चिन्यालीसौड़ एयरपोर्ट पर उतारी गई हैं. इस मशीन को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर घटनास्थल तक पहुंचाया गया है. जिससे ड्रिलिंग करके मजदूरों को बाहर निकालने में मदद मिल सके.
एयरपोर्ट से ट्रक के जरिए घटनास्थल पर पहुंचीं मशीनें
वायुसेना का पहला हरक्यूलिस विमान ने हिंडन एयरबेस से मशीनों के पार्ट्स लेकर बुधवार को रवाना हुआ था. विमान चिन्यालीसौड़ एयरपोर्ट पर करीब 1 बजे पहुंचा था. जिसके बाद ऑगर मशीनों के पार्ट्स को ट्रक के जरिए घटनास्थल तक पहुंचाया गया.
नार्वे और थाइलैंड के एक्सपर्ट से ली जा रही मदद
रेस्क्यू ऑपरेशन प्रभारी कर्नल डीपक पाटिल ने बताया कि अमेरिका में बनी जैक एंड पुस अर्थ ऑगर मशीन काफी एडवांस तकनीक वाली मशीन है. ये तेजी के साथ काम करेगी. राहत-बचाव कार्य में अब मिलिट्री की टीम भी शामिल हुई है. इसके अलावा एयरफोर्स और थलसेना भी इस ऑपरेशन में मदद कर रही है. दीपक पाटिल ने कहा कि मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए अब नार्वे और थाइलैंड के विशेषज्ञों की टीम की मदद ली जा रही है. इसके लिए थाइलैंड की कंपनी से संपर्क किया गया है.
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सुरंग धंसने से फंस गए हैं 40 मजदूर
बता दें कि उत्तरकाशी जिले में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिल्क्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा रविवार तड़के अचानक टूट गया. इस हादसे में वहां काम कर रहे करीब 40 मजदूर अंदर फंस गए. मामले को लेकर पुलिस ने बताया कि हादसा सुबह करीब चार बजे सिल्कयारा की ओर हुआ, जब साढ़े चार किलोमीटर लंबी निर्माणाधीन सुरंग का करीब 150 मीटर हिस्सा टूट गया.
-भारत एक्सप्रेस
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