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ED Summon to Hemant Soren: ईडी ने भेजा हेमंत सोरेन को दसवां समन, 29 से 31 के बीच बुलाया

ED Summon to Hemant Soren: प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक नया समन जारी कर उन्हें अगले सप्ताह धन शोधन मामले कि जांच में फिर से शामिल होने के लिए कहा है.

CM hemant soren

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन

ED Summon to Hemant Soren: प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक नया समन जारी कर उन्हें अगले सप्ताह धन शोधन मामले कि जांच में फिर से शामिल होने के लिए कहा है. आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सोरेन को यह बताने के लिए कहा गया है कि वह पूछताछ के लिए 29 जनवरी या 31 जनवरी में से किस दिन आएंगे.

मुख्यमंत्री को 27 से 31 जनवरी के बीच पेश होना है

केंद्रीय एजेंसी ने इससे पहले झारखंड के मुख्यमंत्री को 27 से 31 जनवरी के बीच किसी भी तारीख पर जांच में शामिल होने के लिए कहा था लेकिन कोई आधिकारिक जवाब नहीं मिलने पर प्रवर्तन निदेशालय ने 48 वर्षीय नेता को एक नया समन जारी किया है.

20 जनवरी को सोरेन का बयान दर्ज किया था

प्रवर्तन निदेशालय ने मामले में पहली बार 20 जनवरी को सोरेन का बयान दर्ज किया था. प्रवर्तन निदेशालय के जांचकर्ता रांची में उनके आधिकारिक आवास पर गए थे और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बयान दर्ज किए थे. पता चला है कि ताजा समन इसलिए जारी किया गया है क्योंकि उस दिन पूछताछ पूरी नहीं हुई थी.

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ईडी ने इस मामले में अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया

ईडी के अनुसार जांच, झारखंड में माफिया द्वारा भूमि के स्वामित्व में अवैध तरीके से परिवर्तन के एक बड़े रैकेट से संबंधित है. ईडी ने इस मामले में अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें 2011-बैच के आईएएस अधिकारी छवि रंजन भी शामिल हैं, जो राज्य के समाज कल्याण विभाग में निदेशक थे.

मालूम हो कि इससे पहले के समन के बाद मुख्यमंत्री ने अपने दूत के माध्यम से ईडी को खबर दे दिया था कि अपने कई जरूरी कार्यों की वजह से वह 31 मार्च तक ईडी के किसी भी समन पर पूछताछ के लिए उपलब्ध होने की स्थिति में नहीं है. इसके लिए मुख्यमंत्री ने पार्टी के स्थापना दिवस के कारण अपनी व्यस्तता और राज्य में बन रहे बजट के कारण अपनी व्यस्तता को आधार बनाया था. उधर मुख्यमंत्री को बार-बार भेजे जा रहे निदेशालय के बुलावे पर झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से भी बयान आया है.

जवाब देने के बाद क्यों भेजा गया समन?

पार्टी के प्रधान महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य ने प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई को समझ से परे बताते हुए कहा कि आखिर 5 – 6 दिनों में ऐसी क्या बात हो गई कि मुख्यमंत्री से फिर पूछताछ की जरूरत आन पड़ी. उन्होंने यह भी कहा कि निदेशालय के हर पत्र और समन का जवाब दिया जाएगा. हालांकि पार्टी के नेता जो कुछ भी कहे नवें समन के बाद मुख्यमंत्री के द्वारा भेजे गए पत्र और उसके जवाब में प्रवर्तन निदेशालय का यह पत्र झारखंड की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है.

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-भारत एक्सप्रेस

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