
ED
प्रवर्तन निदेशालय (ED) चंडीगढ़ ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए M/s Gupta Builders and Promoters Pvt. Ltd. (M/s GBPPL) की ₹87.64 करोड़ मूल्य की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच कर लिया है. ये संपत्तियां मोहाली जिले के खरड़ तहसील स्थित गांव औजला में GBP Camellia प्रोजेक्ट के तहत अधूरे फ्लैट्स, दुकानें और विला के रूप में मौजूद हैं.
मनी लॉन्ड्रिंग के बड़े मामले में की गई कार्यवाही
ED की यह कार्यवाही मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े मामले के तहत की गई है, जिसमें रियल एस्टेट कंपनी पर ग्राहकों और निवेशकों से धोखाधड़ी कर अवैध रूप से अर्जित धन को संपत्तियों में बदलने का आरोप है. जांच एजेंसी ने पाया कि कंपनी ने बड़ी संख्या में लोगों से निवेश के नाम पर पैसे लिए, लेकिन प्रोजेक्ट पूरे नहीं किए, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ. इस मामले में अवैध वित्तीय लेनदेन और फंड डायवर्जन के सबूत मिलने के बाद ED ने संपत्तियों को अटैच करने की कार्रवाई की.
PMLA, 2002 के प्रावधानों के अनुसार, यदि कोई संपत्ति अपराध की आय से अर्जित की जाती है, तो उसे ED अस्थायी रूप से अटैच कर सकता है. इसके बाद यदि जांच में आरोप सिद्ध होते हैं, तो ये संपत्तियां स्थायी रूप से जब्त की जा सकती हैं. ED की इस कार्रवाई के बाद अब मामले की गहन जांच की जाएगी, जिसमें यह पता लगाया जाएगा कि क्या कंपनी ने अन्य अवैध वित्तीय लेनदेन किए हैं और इस घोटाले में कौन-कौन लोग शामिल हैं.
ED लगातार रियल एस्टेट सेक्टर में मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय अनियमितताओं को लेकर सख्त कार्रवाई कर रहा है. इससे पहले भी कई बड़े डेवलपर्स और प्रमोटर्स के खिलाफ जांच एजेंसी ने कदम उठाए हैं. मोहाली में हुई इस ताजा कार्रवाई से निवेशकों और रियल एस्टेट सेक्टर में हलचल तेज हो गई है. अब यह देखना होगा कि जांच में आगे क्या नए खुलासे होते हैं और इस मामले में कौन-कौन से नए नाम सामने आते हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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