
प्रवर्तन निदेशालय (ED), हैदराबाद ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े मामले में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है. शीलत रिफाइनरीज लिमिटेड और अन्य के खिलाफ चल रही जांच के तहत ईडी ने 30.71 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को बहाल कर दिया है.
शीलत रिफाइनरीज लिमिटेड और अन्य संबंधित व्यक्तियों पर आरोप है कि उन्होंने बैंकों से कर्ज लेकर धन का दुरुपयोग किया और उसे अवैध तरीकों से इधर-उधर किया. इस मामले में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत कार्रवाई करते हुए संपत्तियों की पहचान की और उन्हें जब्त कर लिया था. विस्तृत जांच के बाद इन संपत्तियों को अब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को वापस सौंप दिया गया है.
ईडी की लगातार सख्त कार्रवाई
ईडी देशभर में बैंक धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में सख्त कार्रवाई कर रही है. इस कार्रवाई का उद्देश्य आर्थिक अपराधों पर लगाम लगाना और सार्वजनिक धन की सुरक्षा सुनिश्चित करना है.
सूत्रों के अनुसार, ईडी इस मामले में आगे की जांच जारी रखेगी और इसमें शामिल अन्य व्यक्तियों या कंपनियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है. एजेंसी का प्रयास है कि भविष्य में भी इस तरह की आर्थिक गड़बड़ियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए और देश के बैंकिंग तंत्र को सुरक्षित बनाया जाए.
बैंकिंग धोखाधड़ी पर शिकंजा
इस तरह की कार्रवाई से साफ है कि सरकार और प्रवर्तन एजेंसियां बैंकिंग धोखाधड़ी और आर्थिक अपराधों के खिलाफ सख्त कदम उठा रही हैं. ईडी का यह कदम न केवल राज्य के बैंकिंग सेक्टर के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि इससे मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में भी एक सख्त संदेश जाएगा.
-भारत एक्सप्रेस
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