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ईद मिलन पर Jamaat-E-Islami Hind के अध्यक्ष ने कहा- समारोह का मुख्य उद्देश्य समाज के निर्माण के लिए शांति और न्याय का संदेश देना

जमाअत-ए-इस्लामी हिंद ने इंडिया इस्लामिक इंटरनेशनल सेंटर में एक भव्य ईद मिलन समारोह का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में 15 से अधिक देशों के दूतावासों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया.

जमाअत-ए-इस्लामी हिंद ने इंडिया इस्लामिक इंटरनेशनल सेंटर में एक भव्य ईद मिलन समारोह का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में 15 से अधिक देशों के दूतावासों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ विभिन्न धर्मों और विचारधाराओं के धर्मगुरुओं, राजनितिक दलों के सांसदों, नागरिक समाज, राजनीतिक, सामाजिक और शैक्षिक संगठनों और संस्थाओं के पदाधिकारी शामिल हुए.

कार्यक्रम में मीडिया हस्तियों और अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तित्वों ने भी भाग लिया. इस ईद मिलन प्रोग्राम में लगभग तीन सौ पचास गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए. इस समारोह का मुख्य उद्देश्य समाज की महत्वपूर्ण और प्रभावशाली हस्तियों के साथ ईद की खुशियां साझा करना और इसके माध्यम से बेहतर समाज के निर्माण के लिए शांति और न्याय का संदेश फैलाना था.

त्यौहार लोगों को जोड़ने का सबसे अच्छा माध्यम है

इस अवसर पर जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने अपने संक्षिप्त सम्बोधन में उपस्थित लोगों का ध्यान कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं की ओर आकर्षित किया करते हुए कहा कि त्यौहार लोगों को जोड़ने का सबसे अच्छा माध्यम हैं. दुर्भाग्यवश, इस समय कुछ लोग त्योहारों का उपयोग एकजुटता के बजाय विभाजन के लिए कर रहे हैं. ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि लोग त्योहारों से डरने लगे हैं. ऐसे में ईद मिलन जैसे कार्यक्रम पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गए हैं.

त्योहारों को विभाजनकारी दीवारें बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं, जबकि उनकी वास्तविक भूमिका एक जोड़ने वाले पुल की है. मिलने-मिलाने के साथ इन्हें एक साथ संघर्ष करने और समाज के सभी वर्गों को न्याय दिलाने में मदद करने का माध्यम भी बनना चाहिए. इस पवित्र अवसर पर विभिन्न देशों, विचारधाराओं, धर्मों और विभिन्न विचारधाराओं और संस्थाओं के लोगों का एकत्र होना समाज को एक बड़ा संदेश देता है. इस तरह एक साथ बैठने से ईद द्वारा दिए जाने वाले एकता, पारस्परिकता और सामाजिक एकजुटता के संदेश को आगे बढ़ाने में मदद मिलती है.

वक्फ कानून अन्यायपूर्ण है, इसके खिलाफ देश आगे आए

वक्फ अधिनियम का उल्लेख करते हुए जमाअत के अध्यक्ष ने कहा कि यह एक अन्यायपूर्ण कानून है जिसके खिलाफ पूरे देश को एकजुट होकर आगे आना चाहिए. चूंकि यह विधेयक धार्मिक विभाजन और भेदभाव पर आधारित है, इसलिए हम सभी को मिलकर इसके खिलाफ लड़ना चाहिए. इस अवसर पर उन्होंने कई देशों के दूतावासों के प्रतिनिधियों से फिलिस्तीनी मुद्दे पर सकारात्मक और रचनात्मक प्रगति की अपील भी की. उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और दुनिया के हर देश और व्यक्ति को फिलिस्तीन में हो रही बर्बरता के खिलाफ आगे आना चाहिए. शांति और न्याय स्थापित करने के लिए मिलकर काम करना हम सभी की जिम्मेदारी है.

-भारत एक्सप्रेस



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