रतन टाटा.
Ratan Tata Demise: प्रमुख केंद्रीय मंत्रियों अश्विनी वैष्णव, एस. जयशंकर और हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार सुबह कारोबारी रतन टाटा के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की. टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार देर रात ब्रीच कैंडी अस्पताल में उम्र संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं के चलते निधन हो गया. वह 86 वर्ष के थे.
एक असाधारण राष्ट्र-निर्माता: वैष्णव
सूचना एवं प्रसारण मंत्री वैष्णव ने एक्स पोस्ट में कहा, “एक दूरदर्शी कारोबारी नेता, एक असाधारण राष्ट्र-निर्माता और एक असाधारण इंसान रतन टाटा के निधन से गहरा दुख हुआ. उद्योग, समाज और मानवता के लिए उनके योगदान ने एक अमिट विरासत छोड़ी है. उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति हार्दिक संवेदना. ओम शांति.”
वह मार्च 1991 से 28 दिसंबर 2012 तक टाटा समूह के अध्यक्ष रहे. उसके बाद 2016-2017 तक एक बार फिर उन्होंने समूह की कमान संभाली. उसके बाद से वह समूह के मानद चेयरमैन की भूमिका में रहे थे.
उनका जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था. उन्होंने अपने कार्यकाल में टाटा समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और उदारीकरण के दौर में समूह को उसके हिसाब से ढाला. व्यवहार में जितने सौम्य थे उतने ही बिजनेस मामलों को लेकर काफी सख्त भी थे.
एक युग का अंत: विदेश मंत्री जयशंकर
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि रतन टाटा का निधन “एक युग का अंत” है. उन्होंने कहा, “वे भारतीय उद्योग के आधुनिकीकरण से गहराई से जुड़े थे. और इससे भी अधिक इसके वैश्वीकरण से. मुझे कई अवसरों पर उनसे बातचीत करने का सौभाग्य मिला. और उनकी दूरदर्शिता और विजन से लाभ हुआ. देश दुखी है और मैं इस दुख में देशवासियों संग शामिल हूं. ओम शांति.”
पेट्रोलियम मंत्री पुरी ने कहा कि हमारे समय के सबसे बेहतरीन और सबसे बड़े व्यापारिक दिग्गजों में से एक के निधन से बहुत दुखी हैं, जिन्होंने टाटा समूह को 100 बिलियन डॉलर के वैश्विक समूह में बदलते हुए नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं का प्रतीक बनाया. ”
मंत्री पुरी ने एक्स पोस्ट आगे लिखा, उनकी अद्वितीय सादगी और परोपकार और समाज के विकास के प्रति समर्पण ने लाखों लोगों के जीवन को छुआ. वे शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, स्वच्छता, पशु कल्याण जैसे कारणों को आगे बढ़ाने में सबसे आगे थे. उनकी विरासत जीवित रहेगी और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी. उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति हार्दिक संवेदना.
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