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पूर्व ISRO प्रमुख डॉ. के. कस्तूरीरंगन का निधन, प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक

पूर्व ISRO प्रमुख डॉ. के. कस्तूरीरंगन का 84 वर्ष की आयु में बेंगलुरु में निधन हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भारतीय विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र का स्तंभ बताते हुए गहरी श्रद्धांजलि अर्पित की.

Dr. K Kasturirangan and PM Modi

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व अध्यक्ष और देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक डॉ. के. कस्तूरीरंगन (Dr. K. Kasturirangan) का शुक्रवार सुबह बेंगलुरु स्थित उनके निवास पर निधन हो गया. वह 84 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे. अधिकारियों ने जानकारी दी कि उनका पार्थिव शरीर 27 अप्रैल को रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (RRI) में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा, जहां लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे.

डॉ. कस्तूरीरंगन भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और शिक्षा जगत के एक प्रख्यात स्तंभ माने जाते हैं. उनके निधन से देश के वैज्ञानिक और शैक्षणिक समुदाय में गहरा शोक छा गया है.

प्रधानमंत्री मोदी ने जाताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और उन्हें भारतीय वैज्ञानिक व शैक्षणिक यात्रा का एक “शिखर पुरुष” बताया. प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “डॉ. के. कस्तूरीरंगन के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है. वे भारत के वैज्ञानिक और शैक्षिक क्षेत्र में एक महान व्यक्तित्व थे. उनकी दूरदर्शी नेतृत्व और राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ योगदान को हमेशा याद किया जाएगा.”

प्रधानमंत्री ने ISRO में उनके नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा, “उन्होंने ISRO में अपने कार्यकाल के दौरान भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, जिससे भारत को वैश्विक स्तर पर पहचान मिली. उनके कार्यकाल में कई महत्वाकांक्षी उपग्रह प्रक्षेपण और नवाचार पर केंद्रित प्रयास हुए.”

शिक्षा के क्षेत्र में डॉ. कस्तूरीरंगन की भूमिका

शिक्षा के क्षेत्र में भी डॉ. कस्तूरीरंगन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही. वे नई शिक्षा नीति (NEP) के प्रमुख वास्तुकार रहे, जिसका उद्देश्य भारत की शिक्षा प्रणाली को अधिक समावेशी, समग्र और भविष्य-उन्मुख बनाना था. प्रधानमंत्री ने उनके इस योगदान को भी याद किया, “डॉ. कस्तूरीरंगन के प्रयासों के लिए भारत सदैव ऋणी रहेगा. उन्होंने नई शिक्षा नीति के निर्माण में अहम भूमिका निभाई और यह सुनिश्चित किया कि देश की शिक्षा व्यवस्था अधिक व्यापक और प्रगतिशील बने.”

प्रधानमंत्री ने उन्हें एक प्रेरणादायक मार्गदर्शक भी बताया जिन्होंने अनेक युवा वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं का मार्गदर्शन किया.

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी श्रद्धांजलि के अंत में लिखा, “मेरी संवेदनाएं उनके परिवार, शिष्यों, वैज्ञानिक समुदाय और असंख्य प्रशंसकों के साथ हैं. ॐ शांति.”


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-भारत एक्सप्रेस



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