
नेशनल हेराल्ड: सरदार पटेल की चेतावनियों से शुरू होकर आज के घोटाले तक

National Herald Controversy: नेशनल हेराल्ड केस पर चल रही जांच के बीच सरदार पटेल की पंडित नेहरू को दी गई चेतावनियां फिर सुर्खियों में हैं, जिनमें उन्होंने फंडिंग और सरकारी दुरुपयोग पर गहरी चिंता जताई थी.
1938 में पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा शुरू किए गए ‘नेशनल हेराल्ड’ अखबार ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान आवाज उठाई थी. इसके अंतर्गत हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में तीन अखबार थे जो एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (AGL) द्वारा संचालित किए जाते थे.
आजादी के बाद पंडित नेहरू ने AGL के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया. फिरोज गांधी की अगुआई में आर्थिक स्थिति खराब हुई, जिसके बाद AGL को जनहित निधि ट्रस्ट में बदला गया, लेकिन इसका नियंत्रण नेहरू परिवार के पास ही रहा.
ओ.एम. मथाई और रिश्वत के आरोप
नेहरू के निजी सचिव ओ.एम. मथाई ने अपनी किताब में आरोप लगाया कि बड़ौदा के महाराजा से दो लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई थी. इस प्रकार, धन उगाही और अखबार के संचालन में कई अनियमितताएं थीं.
सरदार पटेल की नेहरू को चेतावनी
5 मई 1950 को सरदार पटेल ने पत्र लिखकर चेतावनी दी कि नेशनल हेराल्ड को संदिग्ध व्यक्तियों से धन मिल रहा है. उन्होंने एयरलाइन डील, बैंक फ्रॉड, और मंत्रियों द्वारा पद के दुरुपयोग पर सवाल उठाए.
पं. नेहरू का जवाब, पटेल का असंतोष
नेहरू ने जवाब देकर फिरोज गांधी से जांच कराने की बात कही, लेकिन पटेल इससे संतुष्ट नहीं हुए. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इस तरह के वित्तीय अनियमितता के गंभीर प्रभाव हो सकते हैं.
भाजपा का हमला और ऐतिहासिक संदर्भ
अब ईडी की कार्रवाई के बीच भाजपा ने दावा किया है कि यह घोटाला दशकों पुराना है. कांग्रेस पर सत्ता का दुरुपयोग करने और अखबार की विरासत को नष्ट करने के आरोप लगाए गए हैं.
चंद्रभानु गुप्त की आपत्तियां और जांच की मांग
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चंद्रभानु गुप्त ने भी नेशनल हेराल्ड की फंडिंग पर सवाल उठाए और स्वतंत्र जांच आयोग की मांग की थी, जिससे बड़ा खुलासा हो सकता था.
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