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कल्कि धाम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल 19 फरवरी को करेंगी दौरा, 21 फीट की नींव पर बनेगा भव्य मंदिर

उत्तर प्रदेश के कल्कि धाम में 21 फीट गहरी नींव पर निर्माणाधीन भव्य मंदिर का कार्य तेजी से जारी है. राज्यपाल 19 फरवरी को मंदिर निर्माण कार्यों का निरीक्षण करेंगी.

Kalki Dham

उत्तर प्रदेश के कल्कि धाम में निर्माणाधीन मंदिर का कार्य तेज गति से जारी है. इस पावन स्थल पर 19 फरवरी को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आगमन करेंगी और मंदिर निर्माण कार्यों का निरीक्षण करेंगी. यह मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल होगा, बल्कि सनातन धर्म के शाश्वत स्वरूप का प्रतीक भी बनेगा.

मंदिर की भव्य नींव और निर्माण प्रक्रिया

कल्कि धाम में बनने वाले इस भव्य मंदिर की नींव 21 फीट गहरी होगी, जिससे यह निर्माण वास्तु और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत मजबूत एवं पवित्र होगा. मंदिर निर्माण के लिए बंसी पहाड़पुर के पत्थर का उपयोग किया जा रहा है, जो अपनी अद्वितीय गुणवत्ता और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है.

मंदिर निर्माण में लोहा और स्टील का नहीं होगा उपयोग

इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इसके निर्माण में एक भी कील, लोहे या स्टील का उपयोग नहीं किया जाएगा. इसका सम्पूर्ण निर्माण प्राचीन मंदिर निर्माण शैली के अनुरूप किया जाएगा, जिसमें पत्थरों को जोड़ने के लिए पारंपरिक वास्तु शिल्पकला का सहारा लिया जाएगा.

अबू धाबी के मंदिर जैसा होगा अद्भुत वास्तुशिल्प

इस भव्य मंदिर का आर्किटेक्चर अबू धाबी में निर्मित भव्य मंदिर की तरह होगा, जिसे विश्व प्रसिद्ध शिल्पकार विपुल भाई सोमपुरा और परेश भाई सोमपुरा ने डिजाइन किया है. इनका वास्तुशिल्प भारत की प्राचीन संस्कृति और सनातन परंपराओं को आधुनिक तकनीकों के साथ प्रस्तुत करता है.

मंदिर का आध्यात्मिक और दार्शनिक महत्व

यह मंदिर केवल एक पूजा स्थल नहीं, बल्कि सनातन धर्म के शाश्वत स्वरूप को दर्शाने वाला अद्वितीय केंद्र होगा. इस मंदिर के निर्माण में जिन स्तंभों (फिलर्स) का उपयोग किया जा रहा है, वे सत्य, अहिंसा, करुणा, प्रेम, त्याग, तपस्या और बलिदान जैसे मूल्यों को दर्शाते हैं. इन सभी तत्वों के समावेश से यह मंदिर एक आध्यात्मिक ऊर्जा केंद्र के रूप में विकसित होगा.

कल्कि धाम का महत्व और भविष्य की योजनाएँ

कल्कि धाम न केवल एक धार्मिक स्थल होगा, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का एक अनूठा संगम भी होगा. यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं को सनातन धर्म की महानता और भारतीय परंपराओं की गहराई को समझने का अवसर मिलेगा. मंदिर निर्माण के साथ-साथ यहाँ अन्य आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ भी आयोजित की जाएंगी, जिससे यह स्थल एक प्रमुख तीर्थस्थल के रूप में विकसित होगा.

मंदिर निर्माण की यह भव्य योजना सनातन संस्कृति के गौरव को पुनः स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

-भारत एक्सप्रेस



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