सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट में EVM-VVPAT मामले में 18 अप्रैल को भी सुनवाई जारी रहेगी. ADR की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने आज सुप्रीम कोर्ट दलील देते हुए कहा कि या तो बैलेट पेपर से चुनाव हों या वोटर को VVPAT पर्ची बॉक्स में डालने दें और बाद में गिना जाए. इसपर जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि आप जर्मनी की बात कर रहे हैं, यहां 98 करोड़ वोटर हैं. हमारी उम्र 60 से ऊपर है. हमें याद है कि पहले के मतदान में क्या होता था.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बैलट पेपर पर लौटने से भी कई नुकसान हैं, जस्टिस संजीव खन्ना ने EVM को हटाने की याचिका के पक्ष में अपनी बात रख रहे प्रशांत भूषण से पूछा कि अब आप क्या चाहते हैं? वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि पहला बैलेट पेपर पर वापस जाएं, दूसरा फिलहाल 100 फीसदी VVPAT मिलान हो.
60 करोड़ वोटों की गिनती
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश में 98 करोड़ वोटर हैं, आप चाहते हैं कि 60 करोड़ वोटों की गिनती हो. वहीं प्रशांत भूषण ने कहा कि बैलेट से वोट देने का अधिकार दिया जा सकता है या वीवीपैट मे जो पर्ची है उसे मतदाताओं को दिया जाए. प्रशांत भूषण ने वीवीपैट की पर्ची मतदाताओं को देने की मांग के साथ कहा कि मतदाता उसे एक बैलेट बॉक्स मे डाल दे, अभी जो वीवीपैट है उसका बॉक्स ट्रांसपेरेंट नहीं है,सिर्फ सात सेकेंड के लिए पर्ची वोटर को दिखाई देती है. वकील संजय हेगड़े ने मांग की कि ईवीएम पर पड़े वोटों का मिलान वीवीपीएटी पर्चियों से किया जाना चाहिए.
बारकोड पर कही यह बात
जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि क्या 60 करोड़ वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती होनी चाहिए? वकील गोपाल शंकर नारायण ने कहा कि चुनाव आयोग का कहना है कि सभी वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती में 12 दिन लगेंगे, एक वकील ने वोट देने के लिए बारकोड का सुझाव दिया. जस्टिस खन्ना ने कहा कि अगर आप किसी दुकान पर जाते हैं तो वहां बारकोड होता है. बारकोड से गिनती में मदद नहीं मिलेगी जब तक कि हर उम्मीदवार या पार्टी को बारकोड न दिया जाए और यह भी एक बहुत बड़ी समस्या होगी.
इसे भी पढ़ें: तमिलनाडु: रामसेतु वाले रामनाथपुरम में अब तक नहीं खिल सका है कमल, दिलचस्प है यहां का सियासी समीकरण
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि EVM सही काम कर रहीं है या नहीं ये जानने के लिए हमें डेटा चाहिए होगा, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने चुनाव आयोग से डेटा मांगा है, कुछ मिसमैच ह्यूमन एरर की वजह से है,