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हिमंत बिस्व सरमा का भगवान श्रीकृष्ण पर आया बड़ा बयान, बोले- असम से भी रहा है कन्हैया जी का नाता

Himanata Biswa Sarma: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने हरियाणा में गीता महोत्सव के मौके पर भगवान श्रीकृष्ण पर बड़ा बयान दिया है.

हिमंत बिस्वा सरमा (फाइल फोटो)

Himanata Biswa Sarma: असम के मुख्यमंत्री और बीजेपी के फायरब्रांड हिमंत बिस्व सरमा आए दिन अपने अक्रामक बयान दिया है. कुछ ऐसा ही उन्होंने हरियाणा के कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव को संबोधित करते हुए बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि वेद उपनिषद और भगवद्गीता भारतीय संविधान के आधार हैं. यह धर्मनिरपेक्ष हैं क्योंकि इसके निर्माता हिंदू थे और इसीलिए इन ग्रंथों में विश्वास करते थे.

हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि भारत के विपरीत पाकिस्तान में संविधान इस्लाम की बुनियाद पर बना है. हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि भारत का संविधान उन लोगों ने लिखा जो वेदों, उपनिषदों और भगवद्गीता में विश्वास करने वाले हिंदू थे. उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के साथ असम के पुराने कनेक्शन को लेकर बयान दिया है. असम के सीएम ने श्रीकृष्ण असम के ‘दामाद’ थे क्योंकि वह रुक्मिणी के साथ परिणय सूत्र में बंधे थे.

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असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रागज्योतिषपुर के राजा भगदत्त ने महाभारत के युद्ध में कौरवों के लिए लड़ाई लड़ी थी और उनकी वीरता का भगवद्गीता में विशेष उल्लेख मिलता है. असम के मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा है कि पांडव योद्धा भीम ने असम की हिडिंबा से शादी की और उनके विवाह से एक महान योद्धा घटोत्कच्छ का जन्म हुआ, जिसने कुरुक्षेत्र के युद्ध में पांडवों का साथ दिया था. उन्‍होंने पांडव योद्धा अर्जुन का भी उल्लेख किया जिन्होंने मणिपुर में विवाह किया था. हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि संक्षेप में यह सिखाता है कि एक पूर्ण इंसान कैसे बनें और भगवान के साथ कैसे रहें. मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि एक दिन ऐसा आएगा जब गीता को जीवन का एक तरीका बनाने के बाद कोई हिंदू, कोई ईसाई, कोई मुस्लिम नहीं होगा, जिससे उन्हें पूर्ण मानव बनने में मदद मिलेगी.

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भारत के अस्तित्व पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत का अस्तित्व 5,000 साल पहले से है और इसकी सभ्यता बहुत प्राचीन है, ऐसा नहीं है कि यह अगस्त 1947 में अंग्रेजों के चले जाने पर अस्तित्व में आया था. असम के सीएम ने कहा है कि कर्म ही पूजा है और भगवद्गीता सभी को यही सिखाती है. आप जो भी करें उसमें पूरी निष्ठा होनी चाहिए, चाहे वह शिक्षा हो या देश की सेवा. सरमा ने उन्हें आमंत्रित करने और असम को महोत्सव में भागीदार राज्य बनाने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को धन्यवाद दिया है.

-भारत एक्सप्रेस

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