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बेंगलुरु में आठ महीने के बच्चे में HMPV वायरस की पुष्टि, स्वास्थ्य विभाग की जांच पर उठे सवाल

बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में आठ महीने के एक बच्चे में ह्यूमन मेटापनेयूमोवायरस (HMPV) का मामला सामने आया है. यह वायरस श्वसन तंत्र से जुड़ी समस्याओं का कारण बनता है.

HMPV Virus Cases In India

प्रतीकात्मक फोटो (Pixabay)

बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में आठ महीने के एक बच्चे में ह्यूमन मेटापनेयूमोवायरस (HMPV) का मामला सामने आया है. यह वायरस श्वसन तंत्र से जुड़ी समस्याओं का कारण बनता है और खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक हो सकता है.

अस्पताल में भर्ती किए गए इस बच्चे को गंभीर सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, जिसके बाद डॉक्टरों ने कई जांचें कीं. इन जांचों में HMPV वायरस की पुष्टि हुई. इस वायरस के संक्रमण से मरीजों में बुखार, खांसी, नाक बहना और सांस लेने में परेशानी जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

प्रयोगशालाओं में नहीं हुई है पुष्टि

इस मामले ने तब और ध्यान खींचा, जब राज्य स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि इस वायरस के सैंपल उनकी प्रयोगशाला में जांच के लिए नहीं भेजे गए. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह केस सीधे अस्पताल स्तर पर ही दर्ज किया गया है, और सरकारी प्रयोगशालाओं में इसकी पुष्टि नहीं हुई है.

HMPV एक श्वसन तंत्र से जुड़ा वायरस है, जो फेफड़ों में संक्रमण (पार्श्विक निमोनिया) और गंभीर सांस की समस्याओं का कारण बन सकता है. यह वायरस आमतौर पर सर्दियों और वसंत ऋतु में अधिक फैलता है. छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को इससे अधिक खतरा होता है.

कोई विस्तृत बयान नहीं

राज्य सरकार ने फिलहाल इस मामले पर कोई विस्तृत बयान जारी नहीं किया है. हालांकि, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस तरह के संक्रमणों पर तत्काल ध्यान दिया जाना चाहिए. सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं और निगरानी तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता है.

स्वास्थ्य विभाग के कामकाज पर बड़ा सवाल

डॉक्टरों ने सलाह दी है कि छोटे बच्चों और बुजुर्गों को भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचाया जाए. इसके अलावा, नियमित हाथ धोना और साफ-सफाई का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. अगर किसी को सांस लेने में दिक्कत होती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

यह मामला न केवल HMPV वायरस को लेकर सतर्कता बढ़ाने का संकेत है, बल्कि स्वास्थ्य विभाग के कामकाज पर भी सवाल खड़ा करता है. अब देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है.

-भारत एक्सप्रेस



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