Bharat Express

अगर पढ़ाई पूरी करने में सक्षम है दिव्यांग छात्र तो दाखिले से कोई नहीं रोक सकता: सुप्रीम कोर्ट

दिव्यांग व्यक्ति को एमबीबीएस में दाखिले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी दिव्यांग व्यक्ति को एमबीबीएस में दाखिले से तभी रोका जाना चाहिए, जब यह साबित हो जाए कि वह पढ़ाई पूरी करने में असमर्थ रहेगा.

SC on MBBS Students

दिव्यांग व्यक्ति को एमबीबीएस में दाखिले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि किसी दिव्यांग व्यक्ति को एमबीबीएस में दाखिले से तभी रोका जाना चाहिए, जब यह साबित हो जाए कि वह पढ़ाई पूरी करने में असमर्थ रहेगा. जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि 45 प्रतिशत दिव्यांग वाले छात्र को एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश देने को कहा है.

कोर्ट ने कहा कि हमारा मानना है कि इससे दाखिले के लिए विचार किए जाने का उसका अधिकार समाप्त नही होता. हम मानते है कि सिर्फ दिव्यांगता की मात्रा निर्धारित करने से उम्मीदवार को प्रवेश लेने से नही रोका जा सकता है. कोर्ट ने कहा है कि दिव्यांग छात्रों का मामला डिसेबिलिटी असेसमेंट बोर्ड को सौपा जाना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला छात्र ओमकार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद दिया है. याचिकाकर्ता ने 1987 के स्नातक चिकित्सा शिक्षा विनियमन को चुनौती दी थी, जो 40 फीसदी या उससे अधिक विकलांगता वाले व्यक्ति को एमबीबीएस करने से रोकता है. नेशनल मेडिकल काउंसिल के नियमों के मुताबिक 40 फीसदी से अधिक दिव्यांगता होने पर एमबीबीएस में प्रवेश नही मिल सकता है.

-भारत एक्सप्रेस



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read