
प्रतीकात्मक फोटो.
India-France Rafale Deal: वायुसेना के स्क्वाड्रनों की घटती संख्या को बढ़ाने के लिए भारत एक बार फिर 4.5वीं पीढ़ी के राफेल लड़ाकू विमान पर दांव लगा सकता है. इस महीने के अंत में भारत दौरे पर आ रहे फ्रांसीसी रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकॉर्नू के साथ इस मामले पर चर्चा के बाद भारत और फ्रांस के बीच समझौता हो सकता है.
26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों के सौदे पर हस्ताक्षर करने के साथ ही मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट (एमआरएफए) के तहत नए सौदे पर बातचीत होगी.
लंबे समय से चल रही खरीदने की तैयारी
भारत लंबे समय से 1.25 लाख करोड़ की लागत से 114 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने की तैयारी कर रहा है. वर्तमान में वायुसेना के पास 42.5 की तुलना में 30 लड़ाकू विमान स्क्वाड्रन हैं. इनमें सुखोई और राफेल को छोड़कर बाकी 3-4 दशक पुराने हैं.
दूसरी ओर स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस मार्क 1ए के आने में लगातार देरी हो रही है. ऐसे में हवाई ताकत बढ़ाने के लिए एमआरएफए परियोजना के तहत राफेल के लिए सरकार से सरकार के बीच सीधा सौदा संभव है. बता दें कि एमआरएफए के तहत लड़ाकू विमान खरीदने की दौड़ में चार विमान हैं. हालांकि, सूत्रों के मुताबिक मौजूदा हालात को देखते हुए भारत ग्लोबल टेंडर करने के बजाय सीधे डसॉल्ट एविएशन के राफेल को खरीद सकता है.
राफेल न्यूक्लियर अटैक-एंटी शिप स्ट्राइक क्षमता
चालक दल: 2 पायलट
रेंज: 3700 किमी
स्पीड: 2200 किमी प्रति घंटे से ज्यादा
भारत के लिए खास फीचर: पायलट के हेलमेट के ऊपर डिस्प्ले, रडार वार्निंग रिसीवर, लो बैंड जैमर, 10 घंटे की फ्लाइट डेटा रिकॉर्डिंग, इंफ्रारेड सर्च, दुश्मन के विमान का पता लगाने वाला सिस्टम
10 टन का राफेल 9 टन हथियार ले जाने में सक्षम: 14 हार्ड पॉइंट, अतिरिक्त ईंधन के लिए 5 ड्रॉप टैंक
सौदा हुआ तो भारत में राफेल की उत्पादन लाइन भी स्थापित होगी
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर भारत और फ्रांस की सरकारों के बीच यह सौदा हुआ तो स्थानीय स्तर पर उत्पादन शुरू हो जाएगा. डसॉल्ट एविएशन पहले ही कह चुका है कि भारत में प्लांट लगाने के लिए 100 विमानों का ऑर्डर जरूरी है. इसके लिए डसॉल्ट भारतीय रक्षा क्षेत्र की किसी कंपनी के साथ संयुक्त साझेदारी में असेंबली लाइन बनाएगा. इसमें नौसेना के लिए 26 राफेल मरीन और 36 राफेल के रखरखाव की सुविधा भी शामिल होगी.
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-भारत एक्सप्रेस
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