प्रतीकात्मक चित्र
संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में भारत को एक बार फिर से यूएन पीसबिल्डिंग कमीशन (PBC) के लिए 2025-2026 के कार्यकाल के लिए चुना गया है. यह चुनाव भारत की प्रतिबद्धता और शांति स्थापना के प्रति उसके योगदान को दर्शाता है. भारत का वर्तमान कार्यकाल 31 दिसंबर 2024 को समाप्त हो रहा था.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने गुरुवार को “X” पर एक पोस्ट में कहा-
“भारत को 2025-2026 के लिए संयुक्त राष्ट्र पीसबिल्डिंग कमीशन (PBC) में फिर से चुना गया है. @UNPeacekeeping का संस्थापक सदस्य और प्रमुख योगदानकर्ता (Contributor) होने के नाते, भारत वैश्विक शांति और स्थिरता की दिशा में काम करने और PBC के साथ अपनी साझेदारी जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है.”
क्या है यूएन पीसबिल्डिंग कमीशन
संयुक्त राष्ट्र पीसबिल्डिंग कमीशन (PBC) एक अंतरसरकारी (Intergovernmental) सलाहकार निकाय है जो संघर्ष-प्रभावित और युद्धग्रस्त देशों (Conflict-Affected Countries) में शांति प्रयासों का समर्थन करता है. PBC 31 सदस्य देशों से मिलकर बना है, जिनका चयन संयुक्त राष्ट्र महासभा, सुरक्षा परिषद और आर्थिक एवं सामाजिक परिषद से किया जाता है. इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र प्रणाली को सबसे अधिक वित्तीय योगदान देने वाले देश और सबसे अधिक सैनिक उपलब्ध कराने वाले देश भी इसके सदस्य होते हैं.
यूएन पीसबिल्डिंग कमीशन का मुख्य कार्य
1. संघर्ष के बाद की स्थितियों में पुनर्निर्माण और शांति स्थापना के लिए संसाधन जुटाना.
2. संस्थागत निर्माण और विकास के लिए समेकित रणनीतियां तैयार करना.
3. संघर्ष के बाद की स्थिति में स्थायी विकास के लिए आधार तैयार करना.
4. संबंधित पक्षों के बीच समन्वय में सुधार करना और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना.
5. प्रारंभिक पुनर्निर्माण कार्यों के लिए वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करना.
शांति स्थापना में भारत की भूमिका
संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना बल (UN Peace Keeping Force) में भारत सबसे ज्यादा योगदान करने वाले देशों में से एक है. वर्तमान में भारत के लगभग 6,000 सैन्य और पुलिस कर्मियों को अबेई (Abyei), मध्य अफ्रीकी गणराज्य (The Central African Republic), साइप्रस (Cyprus), लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो (Democratic Republic Congo), लेबनान (Lebanon), मध्य पूर्व (Middle East), सोमालिया (Somalia), दक्षिण सूडान (South Sudan) और पश्चिमी सहारा (Western Sahara) में संयुक्त राष्ट्र अभियानों के लिए तैनात हैं.
भारत ने अब तक शांति स्थापना मिशनों में 180 से अधिक सैनिकों को खोया है. यह किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे अधिक है. यह बलिदान भारत की शांति के प्रति अडिग प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
-भारत एक्सप्रेस
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