
Indian Army Daredevils
नई दिल्ली: भारतीय सेना की प्रतिष्ठित मोटरसाइकिल प्रदर्शन टीम “डेयरडेविल्स” ने एक बार फिर से अपना परचम लहराया है. उन्होंने मोटरसाइकिल पर सबसे ऊंचा मानव पिरामिड बनाकर नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया. यह ऐतिहासिक उपलब्धि भारतीय सेना के जांबाजों की हिम्मत, समर्पण और अनुशासन का एक शानदार उदाहरण है.
कार्यक्रम का आयोजन और रिकॉर्ड की स्थापना
यह कारनामा 19 जनवरी 2025 को बेंगलुरु के यलहंका एयरफोर्स स्टेशन पर हुआ, जहां सेना के डेयरडेविल्स ने एक विशेष आयोजन के दौरान इस असंभव से लगने वाले काम को मुमकिन कर दिखाया. इस दौरान 58 जवानों ने एक मोटरसाइकिल पर चढ़कर 7-स्तरीय मानव पिरामिड बनाया. इस प्रदर्शन को हजारों दर्शकों ने देखा, और हर किसी ने उनकी बहादुरी और कौशल की सराहना की.
डेयरडेविल्स टीम ने यह उपलब्धि 300 मीटर की दूरी तक संतुलन बनाए रखते हुए हासिल की. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम भी मौके पर मौजूद थी, जिन्होंने इस उपलब्धि को रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया.
यह पिरामिड एक रॉयल एनफील्ड मोटरसाइकिल पर बनाया गया, जिसे टीम के एक अनुभवी मोटरसाइकिल चालक ने चलाया. सबसे नीचे की पंक्ति में 20 जवान खड़े हुए, और फिर ऊपर की ओर क्रमशः 15, 10, 7, 5, और अंत में 1 जवान को रखा गया. सभी जवानों को एक विशेष प्रकार की संरचना और अभ्यास के जरिए संतुलन बनाए रखने का प्रशिक्षण दिया गया था.
डेयरडेविल्स की गौरवशाली परंपरा
भारतीय सेना की डेयरडेविल्स टीम का गठन 1937 में किया गया था. तब से यह टीम देश और दुनिया में अपने अद्भुत प्रदर्शन के लिए जानी जाती है. मोटरसाइकिल स्टंट्स और मानव पिरामिड बनाने में यह टीम कई रिकॉर्ड अपने नाम कर चुकी है. यह प्रदर्शन न केवल उनकी शारीरिक ताकत और संतुलन को दर्शाता है, बल्कि उनकी मानसिक दृढ़ता और टीम वर्क का भी प्रमाण है.
सेना प्रमुख और अन्य नेताओं ने दी बधाई
इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने टीम को बधाई दी और कहा, “यह उपलब्धि भारतीय सेना के साहस और अनुशासन का प्रतीक है. डेयरडेविल्स ने न केवल सेना बल्कि पूरे देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट करते हुए कहा, “भारतीय सेना की डेयरडेविल्स टीम ने एक बार फिर असंभव को संभव कर दिखाया है. यह न केवल सेना की बल्कि पूरे देश की जीत है.”
डेयरडेविल्स टीम ने इस रिकॉर्ड को बनाकर साबित कर दिया है कि भारतीय सेना के जवान हर चुनौती को स्वीकार करने और जीतने की क्षमता रखते हैं. अब यह टीम अपने अगले अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन की तैयारी में जुट गई है, जहां वे दुनिया को भारतीय सेना के शौर्य और कौशल का परिचय देंगे. इस रिकॉर्ड से भारतीय सेना ने न केवल अपना नाम इतिहास में दर्ज कराया है, बल्कि हर भारतीय को गर्व का एक और कारण दिया है.
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-भारत एक्सप्रेस
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