भारतीय सेना
भारतीय सेना ने अपने सभी रैंक के जवानों और सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए एक नया इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर 155306 शुरू किया है. इस हेल्पलाइन का उद्देश्य है कि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद मिल सके. यह सेवा 24 घंटे और सातों दिन उपलब्ध रहेगी, बिल्कुल पुलिस की ‘डायल 100’ सेवा की तरह.
हेल्पलाइन की खास बातें
इस हेल्पलाइन पर प्रशिक्षित सैन्य पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे, जिनमें पुरुष और महिला दोनों शामिल हैं. सभी कॉल रिकॉर्ड की जाएंगी ताकि जरूरी कार्रवाई की जा सके. हेल्पलाइन प्रोवोस्ट सैन्य इकाइयों और नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर तुरंत प्रतिक्रिया देगी. इसके लिए आर्मी स्टेटिक कम्युनिकेशन नेटवर्क (ASCON) का उपयोग किया जाएगा, जिससे प्रोवोस्ट इकाइयों और फॉर्मेशन हेडक्वार्टर से सीधा संपर्क हो सकेगा. इस सिस्टम में सिविल पुलिस से भी संपर्क करने की व्यवस्था होगी ताकि आवश्यकता पड़ने पर नागरिक पुलिस से भी मदद ली जा सके.
हेल्पलाइन का काम करने का तरीका
इमरजेंसी स्थिति में जैसे कि ट्रैफिक दुर्घटना, चिकित्सा संकट, प्राकृतिक आपदा, या किसी अन्य आपराधिक गतिविधि के मामले में जवान इस हेल्पलाइन पर कॉल कर सकते हैं. कॉल करने वाले को अपने सेवा का विवरण और घटना का संक्षिप्त वर्णन देना होगा. इसके बाद हेल्पडेस्क निकटतम प्रोवोस्ट पुलिस इकाई को अलर्ट करेगा. कॉल को ट्रैक करने के लिए विशेष सॉफ़्टवेयर का उपयोग किया जाएगा ताकि मामले की पूरी निगरानी की जा सके. हालांकि, इस हेल्पलाइन पर भूमि विवाद या वैवाहिक मुद्दों से जुड़ी समस्याओं का समाधान नहीं होगा. केवल इमरजेंसी स्थितियों से जुड़ी शिकायतों पर ही कार्रवाई होगी.
ओडिशा की घटना
इस हेल्पलाइन की जरूरत का अहसास उस घटना से हुआ जो ओडिशा में एक सैन्य अधिकारी और उनकी मंगेतर के साथ हुई थी. 14 सितंबर को भुवनेश्वर में जब यह जोड़ा घर लौट रहा था, तब कुछ लोगों ने उनका पीछा कर उन पर हमला किया. महिला का आरोप है कि जब वे शिकायत दर्ज कराने पुलिस स्टेशन पहुंचीं, तो उन्हें कमरे में बंद कर मारपीट की गई. सेना ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई थी, और अब CID मामले की जांच कर रही है.
-भारत एक्सप्रेस
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