
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव. (फाइल फोटो)

भारतीय रेलवे हर दिन 16 लाख से अधिक यात्रियों को भोजन उपलब्ध कराता है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि इस विशाल संख्या में भोजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए रेलवे लगातार सुधार के प्रयास कर रहा है.
रेल मंत्री ने बताया कि ट्रेनों में भोजन की गुणवत्ता और सफाई बनाए रखने के लिए रेलवे ने निर्देश जारी किए हैं. अब केवल नामित बेस किचन से ही भोजन की आपूर्ति की जाएगी. इसके लिए ट्रेनों को सर्विस लोकेशनों से जोड़ा गया है और मार्ग के अनुसार क्लस्टर बनाए गए हैं. इन बेस किचन में उच्च गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी.
रेल मंत्री ने बताया कि भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) ने मौजूदा नीति के तहत इन ट्रेनों के क्लस्टर आधारित टेंडर जारी किए हैं. टेंडर प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ की गई और सबसे अधिक बोली लगाने वाले पात्र निविदाकारों को अनुबंध दिया गया. कुल 168 क्लस्टर के लिए 653 बोलियां प्राप्त हुईं.
कैसे बांटे गए क्लस्टर?
रेल मंत्री के अनुसार, क्लस्टर को दो भागों में बांटा गया है:
क्लस्टर A – इसमें प्रीमियम प्रीपेड ट्रेनें और पैंट्री कार वाली मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें शामिल हैं.
क्लस्टर B – इसमें पैंट्री कार वाली मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें और ट्रेन साइड वेंडिंग (TSV) वाली ट्रेनें शामिल हैं.
बेस किचन से होगी भोजन आपूर्ति
देशभर में 717 बेस किचन स्थापित किए जा चुके हैं, जहां से ट्रेनों में भोजन की आपूर्ति होगी. ये किचन आधुनिक उपकरणों से लैस हैं ताकि कच्चे माल की गुणवत्ता, पैकेजिंग और स्टॉक का उचित प्रबंधन किया जा सके.
क्लस्टर आधारित टेंडरिंग को लेकर 17 सिविल केस हाई कोर्ट में दर्ज हुए थे. इनमें से 14 मामलों में रेलवे/IRCTC के पक्ष में फैसला आया, जबकि तीन मामले अभी भी अदालत में लंबित हैं.
रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे को विभिन्न हितधारकों, जनप्रतिनिधियों और कैटरिंग एसोसिएशनों से लगातार सुझाव और शिकायतें मिलती रहती हैं. रेलवे इन शिकायतों की समीक्षा कर उचित कार्रवाई करता है ताकि सेवाओं में सुधार हो सके.
-भारत एक्सप्रेस
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