आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी
Jayant Choudhary: पिछले कुछ समय से आएलडी प्रमुख जयंत चौधरी (Jayant Choudhary) के एनडीए में शामिल होने को लेकर अटकलों का बाजार गर्म रहा है. विपक्षी दलों की पटना में हुई बैठक से दूरी के बाद दिल्ली सेवा बिल पर वोटिंग न करने पर जंयत चौधरी के ‘इंडिया’ गठबंधन से अलग होने की अटकलें तेज हो गई थीं. हालांकि, आरएलडी ने इन अटकलों को खारिज किया था. वहीं अब जंयत चौधरी की प्रतिक्रिया भी आई है, जिसके बाद उन तमाम अटकलों पर विराम लग गया है.
जयंत चौधरी ने यूपी में जारी चर्चाओं कहा, “जो मुझे समझ नहीं पाए वही इसी बात की चर्चा कर रहे हैं. मैं बहुत जिद्दी आदमी हूं, जब कह देता हूं, मन बना लेता हूं तो बदलता नहीं हूं.” जंयत चौधरी ने पीएम मोदी के बयान कि “वह 2024 में वापस आ रहे हैं” इस पर भी पलटवार किया. रालोद प्रमुख ने कहा कि हर नेता चाहता है कि वह विश्वास दिखाए और सभी सीटों पर उसकी पार्टी जीते. पीएम मोदी का बयान भी कुछ ऐसा ही इसलिए इसे अधिक गंभीरता से नहीं लेना चाहिए.”
"मैं बहुत ज़िद्दी हूँ, जो ठान लेता हूँ वही करता हूँ। " – @jayantrld जी pic.twitter.com/OzfiWKfgNg
— Rashtriya Lok Dal (@RLDparty) August 18, 2023
जयंत को लेकर चर्चाएं रही हैं तेज
इसके पहले, जयंत चौधरी ने कहा था कि वह मुंबई में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होंगे. वह बेंगलुरु की बैठक में शामिल हुए थे लेकिन पटना की बैठक में नहीं पहुंचने के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया था कि कहीं वे बीजेपी के खेमे में तो नहीं जा रहे हैं. हालांकि, इससे पर्दा जल्द ही उठ गया था लेकिन एक बार फिर यूपी के सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा है कि जयंत अखिलेश का साथ छोड़ सकते हैं. ऐसे में जयंत का बयान कई मायनों में महत्वपूर्ण हो जाता है.
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एक ये कि वे अखिलेश का साथ नहीं छोड़ने वाले हैं और दूसरा ये कि अखिलेश के साथ वे न केवल मजबूती से खड़े हैं बल्कि वे एनडीए के खेमे में भी नहीं जा रहे हैं. इसके पहले, बीजेपी के मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने आरएलडी को ये याद जरूर दिलाया था कि 2009 में बीजेपी के साथ गठबंधन से आरएलडी को ही फायदा हुआ था और तब लोकसभा की 5 सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार जीते थे. उन्होंने इशारों-इशारों में इस बात के संकेत दिए थे कि अगर जयंत की पार्टी बीजेपी के साथ आने पर विचार करे तो बेहतर ‘डील’ मिल सकती है.
-भारत एक्सप्रेस