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Jhansi News: अंधविश्वास ने ली बच्ची की जान, विकृत पैदा होने पर गांव वालों ने देवी मान शुरू कर दी पूजा, लुटाए रुपए, नहीं ले गए डॉक्टर के पास

अस्पताल प्रशासन ने बताया कि जन्म लेने के बाद बच्ची को इंफेक्शन हो गया था. इसको लेकर बच्ची के परिवारवालों से तत्काल झांसी इलाज के लिए ले जाने के लिए कहा था.

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भजन गातीं महिलाएं

Jhansi News: अगर शारीरिक रूप से कोई बच्चा विकृत पैदा होता है तो उसे तुरंत डाक्टर के पास ले जाया जाता है ताकि इसके बारे में डाक्टर से सलाह ली जा सके और आगे का ट्रीटमेंट कर उसकी जान बचाई जा सके लेकिन झांसी से एक चौंका देने वाली खबर सामने आ रही है. यहां विकृत बच्ची को लोग डाक्टर के पास न ले जाकर उसकी पूजा करने लगे, जिसकी वजह से बच्ची की कुछ ही घंटों बाद मौत हो गई. इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. 21वीं सदी में जब भारत अंतरिक्ष में नई-नई सफलता हासिल कर रहा है तो वहीं देश के कुछ हिस्से ऐसे भी हैं जो अभी भी तमाम रूढ़ियों में बंधे हुए हैं.

मीडिया सूत्रों के मुताबिक झांसी के गुरसरांय स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत गुरसरांय से जुड़े हुए ग्राम मडोरी में 5 अप्रैल को एक बच्ची ने जन्म लिया. बच्ची का जन्म स्वास्थ्य केंद्र गुरसरांय में हुआ. इसके बाद घरवाले बच्ची को अपने घर ले गए. जहां लोगों ने बच्ची को देवी मान लिया और सूप में रखकर उसकी पूजा करने लगे. तमाम लोगो ने पैसे भी चढ़ाए. जबकि स्वास्थ्य केंद्र में बच्ची के परिजनों को तुरंत उसे झांसी के अस्पताल ले जाने की सलाह दी गई थी क्योकि बच्ची विकृत पैदा हुई थी. विकृत चेहरे के कारण गांव में देवी मानकर महिलाएं ढोलक बजाने लगीं और भजन-कीर्तन शुरू हो गया जिससे पूरे गांव में शोर हो गया कि देवी पैदा हुई है. इसके बाद बड़ी संख्या में लोग बच्ची को देखने के लिए उमड़ पड़े, लेकिन कुछ ही घंटे बाद बच्ची की मौत हो गई. इसके बाद परिवारवालों ने बच्ची को पास की ही बेतवा नही में बहा दिया.

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बता दें कि गांव में रहने वाले ओमप्रकाश उर्फ कल्लन कोरी की पत्नी पूजा ने पांच अप्रैल दूसरी संतान के रूप में बच्ची को जन्म दिया था. परिवार वालों का कहना है कि बच्ची पूरी तरह से ठीक थी. इसीलिए अस्पताल ने छुट्टी कर दी गई थी तो वहीं अस्पताल प्रशासन ने बताया कि जन्म लेने के बाद बच्ची को इंफेक्शन हो गया था. इसको लेकर बच्ची के परिवारवालों से तत्काल झांसी इलाज के लिए ले जाने के लिए कहा था लेकिन वो अस्पताल न लेजाकर उसकी पूजा करने लगे. बताया जा रहा है कि बच्ची की आरती करने के समय 6 अप्रैल को प्रातः उसकी मौत हो गई थी और लोग जयजयकार लगा रहे थे.

इनपुट- विवेक राजौरिया
-भारत एक्सप्रेस

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