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जम्मू-कश्मीर सांस्कृतिक महोत्सव में पूज्य स्वामी कैलाशानंद गिरि जी महाराज और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने की शिरकत

जम्मू-कश्मीर सांस्कृतिक महोत्सव में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और पूज्य स्वामी कैलाशानंद गिरि जी महाराज ने शिरकत की. इस आयोजन में लोककला, पारंपरिक नृत्य, संगीत और भारतीय सेना की प्रदर्शनी भी शामिल रही.

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Prashant Rai Edited by Prashant Rai

J&K News: जम्मू-कश्मीर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सहेजने और बढ़ावा देने के उद्देश्य से श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट द्वारा कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, जम्मू में भव्य सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन किया गया. इस विशेष अवसर पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता पूज्य गुरुदेव निरंजन पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि जी महाराज ने की.

भव्य स्वागत और पारंपरिक शुरुआत

कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने पर महंत रोहित शास्त्री (कार्यक्रम संयोजक) और निवेदक अंकुश शर्मा सहित अन्य पदाधिकारियों ने पूज्य गुरुजी एवं माननीय उपराज्यपाल का भव्य स्वागत किया. पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार, दीप प्रज्वलन कर इस भव्य महोत्सव की विधिवत शुरुआत की गई.

इस अवसर पर पूज्य स्वामी कैलाशानंद गिरि जी महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा, “यह सांस्कृतिक महोत्सव जम्मू और कश्मीर की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने और उसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है. इस मंच से प्रदेश की लोककला, परंपराएं और संस्कारों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे युवा पीढ़ी अपनी जड़ों से जुड़ने के लिए प्रेरित होगी.”

गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति

कार्यक्रम में अनेक विशिष्ट अतिथिगण भी उपस्थित रहे, जिन्होंने इस भव्य आयोजन की सराहना की. स्वामी विवेकानंद मेडिकल मिशन चैरिटेबल हॉस्पिटल, जम्मू के अध्यक्ष श्री अनिल गुप्ता, जम्मू उत्तर विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्री श्याम लाल शर्मा, और शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, जम्मू के कुलपति प्रो. बी. एन. त्रिपाठी जैसे गणमान्य व्यक्तियों ने महोत्सव की गरिमा बढ़ाई.

इन अतिथियों ने जम्मू-कश्मीर की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण और प्रचार-प्रसार की दिशा में इस पहल को महत्वपूर्ण बताया और आयोजकों के प्रयासों की सराहना की।

युवाओं को संस्कृति से जोड़ने की पहल

कार्यक्रम के दौरान जम्मू-कश्मीर के पारंपरिक लोकनृत्य, लोकगीत और स्थानीय हस्तशिल्प का प्रदर्शन किया गया. साथ ही, स्थानीय कलाकारों को अपनी कला प्रदर्शित करने का अवसर दिया गया, जिससे प्रदेश के युवा अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ सकें.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस अवसर पर कहा, “हमारी प्राचीन संस्कृति और परंपराएं हमारी पहचान हैं. हमें इन्हें संजोकर रखना होगा और युवाओं को इसके महत्व से अवगत कराना होगा. यह महोत्सव हमें अपनी जड़ों को मजबूत करने का अवसर देता है.”

कार्यक्रम में भारतीय सेना द्वारा एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिसमें तकनीकी प्रगति और देश की रक्षा में सेना की भूमिका को प्रदर्शित किया गया. इस पहल का उद्देश्य युवाओं को सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करना था.


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-भारत एक्सप्रेस



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