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JNU प्रशासन एक सप्ताह में छात्रावास उपलब्ध कराएं… दिल्ली HC ने 49 साल के दिव्यांग के लिए क्यों दिया ऐसा आदेश?

Delhi HighCourt Order to JNU Administration: दिल्ली हाईकोर्ट ने जेएनयू प्रशासन को एक सप्ताह के अंदर दिव्यांग छात्र को छात्रावास में कमरा उपलब्ध कराने को कहा है.

Delhi High Court

Delhi HighCourt Order to JNU Administration: दिल्ली हाई कोर्ट ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के नियमों का हवाला देते हुए स्प्ष्ट किया कि जेएनयू किसी भी दिव्यांग छात्र को छात्रावास में आवास देने इन्कार नहीं कर सकता है. याचिकाकर्ता छात्र को एक सप्ताह के अंदर छात्रावास में आवास आवंटित करने का आदेश देते हुए न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने कहा कि आदेश की प्रति मिलने के एक सप्ताह के अंदर जेएनयू प्रशासन छात्र को छात्रावास आवास उपलब्ध कराए.

अदालत ने स्पष्ट किया कि हास्टल मैनुअल के नियम.तीन के तहत अन्य दिव्यांग छात्रों की तरफ याचिकाकर्ता का भी समाजशास्त्र में मास्टर ड्रिग्री पाठ्यक्रम पूरा होने तक कैंपस में निशुल्क छात्रावास आवास पाना अधिकार है. याचिकाकर्ता संजीव कुमार मिश्रा ने याचिका दायर कर कहा था कि नवंबर 2022 में जब से उन्होंने एमए समाजशास्त्र में दाखिला लिया है तब से उन्हें छात्रावास की सुविधा नहीं दी गई है.

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जेएनयू प्रशासन से कई बार अनुरोध किया

100 प्रतिशत दिव्यांग होने का दावा करने वाले संजीव मिश्रा ने कहा कि पूर्व में बीए व एक अन्य पाठ्यक्रम में पढ़ाई के दौरान उन्हें छात्रावास की सुविधा दी गई थी, लेकिन एमए समाजशास्त्र में दाखिला लेने के बाद उन्हें छात्रावास देने से इन्कार कर दिया गया. इस संबंध में उन्होंने जेएनयू प्रशासन से कई बार अनुरोध किया, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई. वहीं, जेएनयू प्रशासन ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता दूसरा मास्टर लेवल पाठ्यक्रम कर रहा है और जेएनयू हास्टल मैनुअल के तहत याचिकाकर्ता छात्रावास का हकदार नहीं है.

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