घटना स्थल पर एडीजी जोन आलोक सिंह (फोटो क्रेडिट-पुलिस ट्विटर हैंडल)
UP News: यूपी के कानपुर देहात जिले के रूरा थाना इलाके के एक गांव में मां-बेटी की जलकर मौत के मामले में एसडीएम समेत 40 लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ है. इस मामले में 11 नामजद और बाकी अज्ञात लोगों को आरोपी मानते हुए धारा 302, 307, 436, 429, 323, 34 के तहत केस दर्ज किया गया है. एफआईआर दर्ज होने के बाद एसडीएम मैंथा को पद से हटा दिया गया है, उन्हें मुख्यालय से अटैच कर दिया गया है.
रूरा थाने में दर्ज किए गए इस मुकदमे में एसडीएम मैंथा-ज्ञानेश्वर प्रसाद, प्रभारी निरीक्षक थाना रूरा-दिनेश कुमार गौतम, लेखपाल अशोक सिंह को मुख्य आरोपी बनाया गया है. इसके अलावा कानूनगो, 3 अन्य लेखपाल, अशोक दीक्षित, अनिल दिक्षित, निर्मल दिक्षित, विशाल और जेसीबी ड्राइवर को भी नामजद आरोपी बनाया गया है.
वहीं, पीड़ित परिवार ने प्रशासन के सामने मांग पत्र रखा है. जिसमें 5 करोड़ रुपए की मुआवजे की मांग की गई है. इसके अलावा घर के दो सदस्यों को सरकारी नौकरी, परिवार को आजीवन पेंशन, मृतक के दोनों बेटों को सरकार की तरफ से आवास की मांग की गई है. इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी से तत्काल न्याय के लिए मुलाकात की भी मांग की गई है. वहीं, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तलाश जारी है.
सपा ने साधा निशाना
वहीं, सपा ने महिलाओं की मौत के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. समाजवादी पार्टी ने ट्वीट किया, योगी (आदित्यनाथ) सरकार में ब्राह्मण परिवारों को निशाना बनाया जाता है और ऐसी घटनाएं चुनिंदा तरीके से हो रही हैं. दलितों और पिछड़ों की तरह ब्राह्मण भी योगी सरकार के अत्याचार का निशाना हैं.
बता दें कि सोमवार देर शाम रूरा क्षेत्र के मडौली गांव में पुलिस, जिला प्रशासन और राजस्व अधिकारी सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने गए थे. अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान मां-बेटी की आग से जलकर मौत हो गई. वहीं परिजनों का आरोप है कि जब महिलाएं अंदर थीं, तो पुलिस वालों ने झोपड़ी में आग लगा दी. हालांकि पुलिस का कहना है कि दोनों ने खुद को आग लगाई. इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है.
-भारत एक्सप्रेस
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