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Himachal Natural Disaster: हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. भारी बारिश से होने वाले नुकसानों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है और दिल दहला देने वाले मंजर सामने आ रहे हैं. बुधवार को प्रदेश के आला अधिकारियों ने बताया कि पिछले तीन दिनों में बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम 71 लोग मारे जा चुके हैं. न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए, आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव ओंकार चंद शर्मा ने कहा कि 13-15 अगस्त तक लगातार बारिश के कारण कुल 71 लोगों की मौत हो गई है और अब तक लगभग 7,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
बारिश से होने वाले नुकसान के आंकड़ों पर गौर करें तो जुलाई माह से ज्यादा त्रासदी अगस्त में देखी गई है. 13,14 और 15 अगस्त के दौरान जुलाई से ज्यादा नुकसान हुआ हुआ है. सिर्फ इसी दौरान मरने वालों की संख्या 71 है और 7,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. आपको बता दें कि यह एक शुरुआती अनुमान है और यह बढ़ भी सकता है. अभी भी कई लोग लापता बताए जा रहे हैं और दूर-दराज के इलाकों में हुए नुकसान का आंकलन नहीं हो पाया है.
बहरहाल सरकार का दावा है कि आपदा के बाद पुनर्वास का अभियान भी तेजी से चल रहा है. इसमें जिला मजिस्ट्रेट, पुलिस, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), SDRF और स्थानीय लोग मिलकर काम कर रहे हैं. अभी तक 2,500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है.
113 भूस्खलन और 1,762 घर क्षतिग्रस्त
इस बीच, राज्य आपदा प्रबंधन द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, 1,762 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 8,952 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. अभी तक इस साल मानसून सीजन में कुल 113 छोटे-बड़े भूस्खलन देखे जा चुके हैं. राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांगड़ा जिले में हवाई और जमीनी सर्वेक्षण करने के बाद, राज्य में मौजूदा संकट की समीक्षा के लिए शिमला में एक बैठक की अध्यक्षता की.
इससे पहले मंगलवार को शिमला के कृष्णा नगर में ताजा भूस्खलन हुआ, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई. मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा था कि पिछले चार दिनों में बारिश में 157 प्रतिशत की वृद्धि के कारण पूरे राज्य में व्यापक क्षति हुई है. उन्होंने कहा कि कुल 1220 अवरुद्ध सड़कों में से लगभग 400 को फिर से चालू कर दिया गया है.
नॉर्मल से 111% ज्यादा बारिश, मंडी में सबसे ज्यादा
बीते एक सप्ताह के दौरान हिमाचल प्रदेश में सामान्य से 111% ज्यादा बरसात दर्ज की गई है. सबसे ज्यादा हालात त मंडी जिले में खराब देखे गए हैं. यहां पर बारिश सामान्य से 317 फीसदी ज्यादा दर्ज की गई है. वहीं, बिलासपुर में 225 और शिमला में 191 फीसदी सामान्य से ज्यादा बारिश देखी गई है.
बारिश के चलते पहाड़ों में तकरीबन 800 सड़कें बंद हो चुकी हैं, जबकि 1135 बिजली के ट्रांसफार्मर और 285 पेयजल परियोजनाएं ठप हो चुकी हैं. सड़क, पानी और बिजली की आपूर्ति नहीं होने से अधिकांश लोग प्रभावित हुए हैं. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक सामान्य से ज्यादा बारिश के चलते ही ज्यादा नुकसान देखा गया है. इसमें लोगों के अलावा घरेलू और जंगली जानवर भी प्रभावित हुए हैं.
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