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Shri Krishna Janmabhoomi: उच्‍च न्‍यायालय में एक साथ 16 मामलों की सुनवाई होगी, सुप्रीम कोर्ट जाएगा मुस्लिम पक्ष

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में उच्‍च न्‍यायालय (इलाहाबाद हाईकोर्ट) से मुस्लिम पक्ष को तब बड़ा झटका लगा, जब शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी की रिकॉल अर्जी खारिज कर दी गई. अब ईदगाह कमेटी सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी.

Krishna Janmabhoomi Mathura

श्रीकृष्ण की अवतरण-स्थली पर मुगलों ने बनवाई थी मस्जिद, जिसे शाही ईदगाह कहते हैं.

Krishna Janmabhoomi Shahi eidgah Mosque Case: श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में उच्‍च न्‍यायालय (इलाहाबाद हाईकोर्ट) एक साथ 16 मामलों की सुनवाई करेगा. इसके लिए 6 नवंबर की तारीख तय की गई है. इस सुनवाई से मुस्लिम पक्ष खफा हो गया है, उसके वकील उच्‍च न्‍यायालय के खिलाफ सर्वोच्‍च न्‍यायालय (सुप्रीम कोर्ट) जाने की तैयारी में हैं.

दरअसल, उच्‍च न्‍यायालय ने मुस्लिम पक्ष की रिकॉल अर्जी खारिज कर दी थी, मुस्लिम पक्ष चाहता था कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में 15 मामलों की सुनवाई एक साथ न हो. उच्‍च न्‍यायालय से झटका लगने के बाद शाही ईदगाह कमेटी के सचिव तनवीर अहमद का कहना है कि वे अब सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे.

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शाही ईदगाह कमेटी के सचिव तनवीर अहमद (फोटो IANS)

तनवीर अहमद ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक सुनवाई चल रही थी, जिसमें बहस 16 अक्टूबर को पूरी हो गई थी. हमारे अनुरोध पर न्यायालय ने हमारी एक समान प्रार्थना को मंजूर कर दिया है. उच्च न्यायालय से आदेश की कॉपी मिलने के बाद, मुस्लिम पक्ष इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा.

उन्‍होंने कहा, “इससे पहले हमने सुप्रीम कोर्ट में एक रिट दायर की थी, जिसमें माननीय सुप्रीम कोर्ट का निर्देश था कि जब एक रिकॉल एप्लिकेशन आपकी लंबित है, तो पहले वहां सुनवाई पूरी की जाए. इसलिए, जैसे ही हमें आदेश मिलेगा, हम सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात रखेंगे.”

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11 जनवरी 2024 के आदेश को दी गई थी चुनौती

बता दें कि मुस्लिम पक्ष ने 11 जनवरी 2024 के आदेश को चुनौती देते हुए रिकॉल अर्जी दायर की थी. 15 याचिकाओं को लेकर रिकॉल अर्जी दाखिल हुई थी. 16 अक्टूबर को उच्च न्यायालय ने मामले में फैसला सुरक्षित रखा था. बुधवार को इस पर फैसला सुना दिया.

Shri Krishna Janmabhoomi Shahi Idgah Controversy
श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद.

‘विरोध करने के अधिकार से वंचित हो जाएंगे मुस्लिम’

मुस्लिम पक्ष की तरफ से पेश हुईं उच्चतम न्यायालय की अधिवक्ता ने दलील दी थी कि सभी मामलों को एक साथ किये जाने से वे सभी मामलों का विरोध करने के अधिकार से वंचित हो जाएंगे. हालांकि, न्यायमूर्ति जैन ने इससे पहले एक अगस्त 2024 को ही मुस्लिम पक्ष की अर्जियों को खारिज कर दिया था, जिसमें हिंदू पक्षों की ओर से दाखिल मामलों की योग्यता को चुनौती दी गई थी.

श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर मंदिर-मस्जिद का पुराना विवाद

यह पूरा विवाद मथुरा में मुगल बादशाह औरंगजेब के समय की शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर है, जिसका निर्माण भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान पर मौजूद प्राचीन मंदिर को तोड़कर किया गया था. हिंदू अनुयायी चाहते हैं कि अब उस पूरी जगह को हिंदुओं को सौंपा जाए. हालांकि, मुस्लिम पक्ष (शाही-ईदगाह प्रबंधन समिति और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड) इस मामले में हिंदुओं की मांग का विरोध कर रहे हैं.

– भारत एक्‍सप्रेस



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