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Lok Sabha Election 2024: राहुल गांधी को नहीं पता कब कहां करना है चुनावी प्रचार?

X.com पर यूजर @ShrrinG ने लिखा— “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चिलचिलाती गर्मी में एक दिन में 4-4 रैलियां और रोड शो कर रहे हैं, वहीं राहुल गांधी एक दिन में अधिकतम 2 रैलियां संबोधित करते हैं, वो भी हर रोज नहीं.”

pm modi vs rahul gandhi

पीएम मोदी और राहुल गांधी का चुनावी अभियान।

PM Modi vs Rahul Gandhi Election Campaign: लोकसभा चुनाव के दौरान सियासी दलों के अगुआ धुंआधार प्रचार-अभियान में जुटे हैं. भाजपा की ओर से पीएम मोदी और सीएम योगी एक-एक दिन में चार-चार जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं, वहीं, कांग्रेस ने राहुल गांधी एवं उनकी बहन प्रियंका गांधी को बतौर ‘स्टार प्रचारक’ मैदान में उतार रखा है. राहुल गांधी कल यानी कि रविवार को ओडिशा में थे. उन्होंने वहां BJP-BJD के गठबंधन पर हमला बोला.

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि राहुल गांधी भले ही ओडिशा के केंद्रपाड़ा पहुंचे और रैली को संबोधित करते हुए ओडिशा में BJP-BJD के गठबंधन को निशाने पर लिया, मगर वे पीएम मोदी की तुलना में अब भी काफी पीछे हैं. एक राजनीतिक विश्लेषक (@ShrrinG) ने राहुल गांधी के केंद्रपाड़ा दौरे पर सवाल खड़े करते हुए कहा, “यह बहुत ही ख़राब निर्णय था. कोई व्यक्ति जो यह नहीं जानता कि लंबे आम चुनाव में कब और कहाँ प्रचार करना है, जिसमें समझ नहीं हो, वो भला देश चला सकता है?”

ट्विटर अकाउंट @ShrrinG से किए गए ट्वीट में कहा गया, “जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब चिलचिलाती गर्मी में एक दिन में 4-4 रैलियां और रोड शो कर रहे हैं, वहीं राहुल गांधी एक दिन में अधिकतम 2 रैलियां संबोधित करते हैं, वो भी हर रोज नहीं. यदि कोई कम रैलियों को संबोधित कर रहा है, तो आप सोचेंगे कि रैली की लोकेशन का चयन इस प्रकार होगा कि अपनी पार्टी को अधिकतम लाभ मिल सके. लेकिन 28 अप्रैल को राहुल गांधी केंद्रपाड़ा चले गए. ये तो अजीब है न?”

राहुल गांधी की केंद्रपाड़ा में की गई चुनावी रैली का एनाल‍िसिस करते हुए @ShrrinG ने पर X.com लिखा-

• कांग्रेस ने पिछले 17 आम चुनावों में केवल 1 बार केंद्रपाड़ा सीट जीती है
• यह एक जीत कांग्रेस को 1952 में मिली थी
• इस सीट का प्रतिनिधित्व बीजू पटनायक ने तीन बार किया था, इसलिए यह बीजद का गढ़ रहा है
• 2009 और 2014 (बैजयंत पांडा) और 2019 (अनुभव मोहंती) जीतने वाले बीजद उम्मीदवार दोनों अब भाजपा में हैं
• बैजयंत पांडा बीजेपी के लिए चुनाव लड़ रहे हैं और मजबूत स्थिति में हैं
• ओडिशा राज्य में चुनाव चौथे चरण यानी 13 मई से पहले शुरू नहीं होगा
• केंद्रपाड़ा में सातवें और आखिरी चरण यानी 1 जून को मतदान होगा

ऐसा नहीं है कि मैं राहुल गांधी की इस चुनावी रणनीति को लेकर चिंतित हूं, लेकिन क्या यह चौंकाने वाला नहीं है?

यह बहुत ही ख़राब निर्णय है. क्या कोई व्यक्ति जो यह नहीं जानता कि लंबे आम चुनाव में कब और कहाँ प्रचार करना है, भला वो देश चला सकता है?

यह भी पढिए- इस लोकसभा चुनाव के 2 चरणों की वोटिंग से ही नरेंद्र मोदी शतक बना चुके हैं, लेकिन 2 शहजादों का अभी तक खाता भी नहीं खुला: अमित शाह

– भारत एक्सप्रेस

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