सांकेतिक फोटो
Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अब स्कूल-कॉलेज के पास सिगरेट, शराब की बिक्री करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा. अगर कोई भी इसकी बिक्री करते पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. युवाओं को नशे की लत से दूर रखने के लिए 12 से 26 जून तक जागरूकता पखवाड़ा का आयोजन भी किया जाएगा. इसके तहत सभी शिक्षण संस्थानों में नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई जाएगी. स्कूल और कॉलेज से सिगरेट, पान , शराब की दुकानों को 500 मीटर दूर रहने का नियम है. जो भी इस नियम को नहीं मानेगा उसके खिलाफ मुहिम चलाई जाएगी.
बता दें कि यूपी सरकार मादक पदार्थों पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए विशेष अदालतों का गठन करने जा रही है. इसी के माध्यम से नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) के मामले के आरोपियों को कड़ी सजा दिलाई जाएगी. जानकारी सामने आई है कि इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों की समिति भी गठित होगी, जो हर मामले की गहनता से समीक्षा करेगी.
बताया जा रहा है कि एडीजी अभियोजन ने शासन को इसका प्रस्ताव भेज दिया है. वहीं डीजीपी मुख्यालय ने एंटी नारोकटिक्स टास्क फोर्स कर्मियों को जोखिम भत्ता प्रदान करने का प्रस्ताव शासन को सौंपा है. इसके साथ ही एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के उपकरणों की खरीद के लिए शासन से करीब 36 लाख रुपए का बजट भी मांगा गया है.
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जानें क्या है नियम
बता दें कि, स्कूलों और सरकारी कार्यालयों को तंबाकू मुक्त घोषित करने के लिए सभी निर्देशों का कढ़ाई से पालन कराने नियम बनाए गए हैं. इसमें बच्चों को तंबाकू की पहुंच से दूर रखने के लिए भारत सरकार के तंबाकू नियंत्रण अधिनियम सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम-2003 की धारा 4 एवं 6 के तहत तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान सुनिश्चित करने की व्यवस्था है. धारा-4 के तहत शिक्षण संस्थानों सहित समस्त सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान प्रतिबंधित है. तो धारा-6 (ब) के तहत शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध एवं संस्थानों द्वारा संस्था के बाहर बोर्ड पर घोषणा पत्र प्रदर्शित करना होगा. इस नियम के अनुसार जिले में जो भी कार्य करता नहीं पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
-भारत एक्सप्रेस