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Chandrayaan-3: लैंडर ‘विक्रम’ को चांद पर पहुंचाने में लखनऊ की ऋतु की भी अहम भूमिका, जानें कैसे बनीं चंद्रयान-3 की मिशन डायरेक्टर

Chandrayaan 3 Landing on Moon: भारत के चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) के लैंडर विक्रम को इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा चांद पर पहुंचा दिया गया. इस मिशन को सफल बनाने के लिए इसरो की जो टीम लगी थी, उसकी हर कोई प्रशंसा कर रहा है. इस टीम में एक वैज्ञानिक लखनऊ की भी हैं, जिनका नाम है- डॉ ऋतु करिधल (Ritu Karidhal). उन्‍होंने इस मिशन में अहम रोल अदा किया.

चंद्रयान 3 मिशन की सफलता के बाद से ही ऋतु को बधाई देने वालों का तांता लगा है. उनके घर में भी जश्न का माहौल है. ऋतु करिधल मूलत: लखनऊ के राजाजी पुरम इलाके की रहने वाली हैं और यहां उनका पैतृक आवास है. यहां उनके भाई रहते हैं. उन्‍होंने बताया कि ऋतु की शुरुआती स्कूली शिक्षा लखनऊ के ही नवयुग कन्या इंटर कॉलेज में हुई. यह स्कूल ऐशबाग क्षेत्र में है. ऋतु अपने घर से यहां पढ़ने आती थीं.

लखनऊ के राजाजी पुरम से हैं डॉ ऋतु करिधल

बताया जाता है कि ऋतु बचपन से ही पढ़ने में बेहद तेज थीं और स्कूल में हमेशा पहले पायदान पर ही अपनी जगह बनाती थीं. उनके भाई के मुताबिक, बहन ऋतु का व्यवहार अति शालीन है और मिलनसार है. उसने अपनी शुरुआती पढ़ाई के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय से बीएससी और एमएससी की पढ़ाई की और फिर पीएचडी में एडमिशन लिया था और इस तरह वह आगे बढ़ती गईं.

इसरो में इस तरह बनीं भारत की ‘रॉकेट वुमेन’

ऋतु का चयन गेट परीक्षा में हुआ था. उसके बाद वह IISC बेंगलुरु चली गईं. वहां उनका चयन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) में हो गया और फिर वह आगे बढ़ती गईं. उन्‍हें कई प्रोजेक्ट में शामिल किया गया. जब चंद्रयान 3 मिशन में उनको अहम जिम्मेदारी सौंपी गई तो ऋतु खुशी से झूम उठीं. बताया जाता है कि उनको चंद्रयान-3 की मिशन डायरेक्टर के रूप में चुना गया. इस मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी. वीरा मुथुवेल हैं. इसके पहले डॉ. रितु मंगलयान की डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर और चंद्रयान-2 में मिशन डायरेक्टर भी रह चुकी हैं और हमेशा ही उन्होंने हर प्रोजेक्ट में अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया. इसीलिए ऋतु करिधल को भारत की ‘रॉकेट वुमेन’ भी कहा जाता है.

यह भी पढ़ें: ममता बनर्जी भूलीं देश के पहले अंतरिक्ष यात्री का नाम, राकेश शर्मा को बताया ‘राकेश रोशन’, ओपी राजभर बोले- धरती पर लौटे चंद्रयान-3 तो हो स्वागत

प्रज्ञान ने शुरू की चांद पर चहलकदमी

बता दें कि 23 अगस्त की शाम को भारत ने उस वक्त इतिहास रच दिया जब चंद्रयान 3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा और इसी के साथ इस मिशन को पूरा करने वाला भारत पहला देश बन गया. इस सफल मिशन के लिए पूरा भारत ही पूरी दुनिया भारतीय वैज्ञानिकों की प्रतिभा का लोहा मान रही है और बधाईयों का तांता लगा है. वहीं ताजा जानकारी सामने आ रही है कि, चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद अब रोवर प्रज्ञान भी बाहर आ गया है और उसने चांद पर चहलकदमी शुरू कर दी है. वैज्ञानिकों की मानें तो अब 14 दिन तक चांद पर रहकर यह पूरी अध्ययन करेगा और डेटा कलेक्ट करके लैंडर विक्रम को भेजेगा, जहां से पूरी जानकारी इसरो के वैज्ञानिकों को मिलेगी.

-भारत एक्सप्रेस

Archana Sharma

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