खरगोन में किसानों की मक्के की फसल थोथी.
ओमप्रकाश रामणेकर, खरगोन.
मध्य प्रदेश में खरगोन जिले कई गांवों में मक्के की फसल बेकार हो गई, जिससे सैकड़ों किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया. मक्के का उत्पादन नहीं होने से अब किसानों को कर्ज की चिंता सताने लगी है. कइयों को अब न भूख-प्यास लग रही है, और न नींद आ पा रही है.
जानकारी के अनुसार, 200 से अधिक किसानों ने 700 से अधिक एकड़ कृषि भूमि में एडवांटा कंपनी का मक्का का बीज डाला गया था. हालांकि, मक्के की फसल से उत्पाद नहीं मिला. किसानों का कहना है कि मक्का की फसल में उनके यहां कहीं एक भुट्टा लगा तो कहीं दो भुट्टे. अधिकतर भुट्टों में दाने काफी कम थे, किसी किसी में एक भी दाना नहीं निकला. जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है.
किसानों ने अपने यहां के कलेक्टर सहित उपसंचालक कृषि विभाग में शिकायत की, जिसके बाद विभाग द्वारा खेतों में खड़ी मक्के के फसल का सर्वे करके पंचनामा बनाया गया. किसानों की शिकायत सही पाई जाने पर कलेक्टर ने संबंधित कंपनी के खिलाफ़ कार्रवाई शुरू कराई. कंपनी पर एफआईआर दर्ज कराने के आदेश जारी किए गए. किसानों की शिकायत पर बीज व उत्पादन की जांच कराई गई है.
संवाददाता ने बताया कि कई किसानों ने शिकायत की थी ‘एटवांटा’ कंपनी के मक्का के बीज में अच्छा उत्पादन नहीं हो रहा, जांच दल के निरीक्षण में उनकी शिकायत सही पाई गई. खरगोन जिले के ग्राम नागझिरी, उमरखली, कुम्हारखेड़ा एवं कोठा खुर्द के किसानों का कहना है कि वे एटवांटा कंपनी से मक्का के बीज किस्म पीएसी 751 के पैकेट खरीदकर लाए थे. बीज बोने के बाद फसल होने पर मक्का के भुट्टों में दाने नहीं आए. एक स्थान पर एक से अधिक भुट्टे निकले और फसल सूखने लगी. इससे उन्हें आर्थिक नुकसान हुआ.
खरगोन विकास खंड के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी गिरधारी भावर ने बयान में कहा, ‘किसानों की शिकायतें मिलने के बाद उपसंचालक कृषि ने 30 अगस्त को जांच दल गठित कर फसल की जांच कराई है. ये पाया गया है कि मक्का की उस किस्म में एक ही जगह दो या अधिक छोटे-छोटे भुट्टे निकलने एवं दाने बहुत कम या बिल्कुल नहीं पाए जाने के कारण उत्पादन बहुत कम हुआ.’
— भारत एक्सप्रेस.