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Adani Group पर लगे आरोपों को लेकर महेश जेठमलानी से लेकर मुकुल रोहतगी तक देश के प्रमुख कानून विशेषज्ञों ने क्या कहा? देखिए VIDEO

अमेरिका में अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी पर कथित घूसखोरी के आरोप लगाए गए. इन आरोपों को अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने खारिज किया है. जानिए देश के प्रमुख कानून विशेषज्ञों की प्रतिक्रियाएं

legal minds on Adani indictment row

Adani Indictment Row: अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) द्वारा अडानी ग्रुप के खिलाफ लगाए गए आरोपों के बाद भारत में सियासी बवाल मचा है. कांग्रेस-सपा जैसे दलों के नेता इस मुद्दे पर भाजपा सरकार पर हमलावर हो रहे हैं. दूसरी ओर, अडानी ग्रुप भी लगातार आरोपों का खंडन कर रहा है.

दरअसल, अमेरिका के न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में सुनवाई के दौरान गौतम अडानी की कंपनी पर निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने और एक सोलर एनर्जी कॉन्ट्रेक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को मोटी रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है. अमेरिकी कोर्ट ने कई लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी के आदेश तक दे दिए हैं. इस मुद्दे पर अब भारत के कई शीर्ष कानूनी दिग्गजों ने अपनी राय व्यक्त की है.

पूर्व अटॉर्नी जनरल और वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी, जो अडानी ग्रुप की ओर से कई मामलों में पैरवी कर रहे हैं, ने दावा किया कि उद्योगपति गौतम अदानी और उनके भतीजे सागर अदानी पर अमेरिकी अभियोजकों द्वारा दायर ब्राइबरी मामले में किसी भी महत्वपूर्ण रिश्वतखोरी या न्याय में हस्तक्षेप के आरोप नहीं लगाए गए हैं.

राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल अडानी ग्रुप के खिलाफ अमेरिकी आरोपों का इस्तेमाल ‘अपने चुनावी हार से ध्यान भटकाने’ के लिए कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष को संसद में जांच की मांग करने से पहले ठोस और विश्वसनीय सबूत पेश करने चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने आरोपों के समय को ‘बहुत संदेहास्पद’ और ‘चालाकी से किया गया’ करार दिया.

यहां ANI के वीडियो में आप देख सकते हैं कि शीर्ष कानूनी दिग्गजों ने क्या-कुछ कहा—

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