शराबबंदी पर जीतन राम मांझी का बयान
बिहार के पूर्व सीएम और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संस्थापक जीतन राम मांझी एक बार फिर चर्चाओं में है. वैसे तो विवादों से उनका पुराना नाता रहा है. अपनी बयानों को लेकर वो हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं. जीतन राम मांझी ने शराबबंदी को लेकर बयान दिया है, इसकी सियासी महकमे में चर्चा शुरू हो गई है.
मांझी ने किया क्वार्टर पीने वालों का समर्थन
एक बार फिर मांझी ने शराबबंदी को लेकर बयान दिया है. मांझी ने कम मात्रा में शराब पीने वालों का समर्थन किया है. दरअसल जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार सरकार को सलाह देते हुए कहा कि उन लोगों को गिरफ्तार नहीं करने का चाहिए जो कम मात्रा में शराब पीते हैं. मांझी अपनी ही महागठबंधन सरकार पर बरसे और कहा कि राज्य में केवल गरीब लोगों को ही शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार किया जा रहा है और बड़े-बड़े तस्कर आराम से घूम रहे हैं. शराबबंदी को लेकर बिहार और गुजरात में एक जैसा हाल है.
गरीबों को किया जा रहा गिरफ्तार: मांझी
मांझी ने शराबबंदी पर खुलकर बात की उन्होंने कहा कि शराबबंदी अच्छी बात है, लेकिन बिहार में समस्या इसके क्रियान्वयन में है जहां बहुत गड़बड़ियां हैं, जिसके कारण शराब तस्करों को पकड़ा नहीं जा रहा है. साथ ही मांझी ने बिहार में शराबबंदी कानून की समीक्षा की मांग की. उन्होंने कहा कि पुलिस ब्रेथ एनेलाइजर से लोगों की चेकिंग करती है. ये मशीन कभी गलत भी बताती है. जेलों में बंद 70 फीसदी लोग ऐसे हैं, जो सिर्फ आधा लीटर या ढाई सौ ग्राम शराब पीते हुए पकड़े गए. जो गलत है ऐसे लोगों को गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए.
पहले भी दिया था शराबबंदी पर बयान
ये पहला मौका नहीं है जब जीतन राम मांझी ने शराबबंदी को लेकर बयान दिया हो इससे पहले भी जीतनराम मांझी ने कहा था कि राज्य में धनवान और रसूख वाले लोग जैसे- IAS, IPS, डॉक्टर, इंजीनियर 10 बजे के बाद लिमिट में शराब पीते हैं. लेकिन दुनिया नहीं जानती कि वो शराब पीते हैं.शराब को लेकर गरीबों को सलाह देते हुए मांझी ने कहा था कि क्यों पीकर इधर-उधर घूमते हो, लिमिट में पीयो जैसे बड़े लोग पीते हैं, पकड़ने की बात इसलिए आती है क्योंकि तुम पीकर चौराहे पर घूमने लगते हो, इसलिए बड़े लोगों से सीखो, रात में लेना है तो लेकर सो जाओ और सुबह उठकर काम करो.
शराबबंदी को लेकर मांझी का बयान उस वक्त आया है जब सीएम नीतीश कुमार ने दो दिन पहले ही शराबबंदी को लेकर समीक्षा बैठक की थी. बैठक में उन्होंने निर्देश दिए थे कि वे शराब पीने वालों को पकड़ने के बजाय बेचने वालों और तस्करों को दबोचें.
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